दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की बैठक के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की नाराजगी की अटकलें लगाई जा रही थीं. इस बीच, बैठक के बाद पहली बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सीधे नीतीश कुमार को फोन मिला दिया. फोन पर दोनों ने इंडिया गठबंधन की मजबूती पर बात की. जेडीयू के सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी ने इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका को अहम बताया. राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश ने विपक्षी एकजुटता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. दोनों के बीच खरगे का नाम पीएम कैंडिडेट के तौर पर आगे करने वाले मुद्दे पर भी बात हुई. आइए जानते हैं कि इसपर राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने खरगे पर साफ किया रुख
जेडीयू के सूत्रों के मुताबिक, फोन कॉल पर राहुल गांधी ने ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की तरफ से मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे किए जाने पर भी बात की. राहुल गांधी ने इस पर कांग्रेस का रुख साफ कर दिया. बता दें कि इंडिया गठबंधन की बैठक में अचानक से खरगे के नाम का प्रस्ताव आने से नीतीश कुमार असहज हो गए थे. खरगे को लेकर प्रस्ताव की जानकारी नीतीश को नहीं थी.
बिहार कैबिनेट का कब होगा विस्तार?
इस फोन कॉल के दौरान राहुल गांधी और नीतीश कुमार के बीच बिहार में कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा हुई. नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को भरोसा दिया कि वे किसी भी वक्त मंत्रिमंडल में कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या बढ़ाने को तैयार हैं. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार में देरी के लिए लालू यादव की तरफ से स्पष्टता नहीं होने को जवाबदेह बताया.
CWC की मीटिंग में क्या तय हुआ?
गौरतलब है कि गुरुवार को कांग्रेस की CWC बैठक भी हुई. इसमें अगले साल मोदी का विजय रथ रोकने पर माथापच्ची की गई. इसके अलावा, भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण से लेकर कई दूसरी तरह की रणनीति पर मंथन किया गया. कांग्रेस ने फैसला लिया है कि विरोधी पार्टी पर बढ़त बनाने के लिए उम्मीदवारों के नाम पहले घोषित किए जाएंगे. साथ ही पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा फिर से शुरू करने का भी संकेत दिया.
बता दें कि CWC बैठक में 76 नेताओं ने हिस्सा लिया. CWC में खासकर दो बिंदुओं पर चर्चा की गई. पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार और दूसरे 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर चर्चा हुई. माना जा रहा है चुनाव हारने पर इलेक्शन इंचार्ज ने चुनाव हारने की वजहों को गिनाया. इसके साथ ही पार्लियामेंट इलेक्शन के लिए उम्मीदवारों के नाम पहले से ही घोषित किए जाने का भी फैसला लिया गया है. ये भी तय हुआ कि मैनिफेस्टो कमेटी भी जल्द से जल्द बना ली जाएगी. वहीं कार्यकर्ताओं के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की शुरुआत भी जल्द कर ली जाएगी.
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