India War preparations: भारत रक्षा मामलों में भी आत्मनिर्भर हो रहा है. मिसाइल हो या लड़ाकू विमान, डीआरडीओ (DRDO) के अलावा कई भारतीय कंपनियां घातक हथियार बना रही हैं. भारत कई देशों को हथियार और सैन्य उपकरण निर्यात भी कर रहा है. इससे इतर बात अपनी हवाई सीमा की सुरक्षा की करें तो भारत के पास जल्द ही अपना खुद का एयर डिफेंस सिस्टम होगा, जो दुश्मनों की मिसाइल और बमों को अपनी सीमा में दाखिल होने से पहले ही उड़ा देगा. यानी प्रोजेक्ट सही रफ्तार से चला तो भारत के पास जल्द ही इजरायल की तरह अपना ‘आयरन डोम’ होगा.
नाम है कुश
भारत ने 2028-29 तक अपनी लंबी दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय रूप से तैनात करने की योजना बनाई है. ये स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम 350 KM तक की दूरी पर आने वाले स्टील्थ फाइटर जेट, मिसाइल, ड्रोन और टारगेट गाइडेड हथियारों का पता लगाकर समय रहते ढेर कर देगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘इंटरसेप्शन कैपिबिलिटी’ से जुड़ा महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट कुश’ के तहत DRDO की तरफ से विकसित किए जा रही स्वदेशी लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (LR-SAM) सिस्टम, हाल ही में शामिल किए गए रूसी मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के जैसा होगा. इसे हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है.
21,700 करोड़ रुपये की लागत
हालिया जानकारी के मुताबिक मई 2022 में सुरक्षा मामलों को देखने वाली कैबिनेट कमेटी ने ‘मिशन-मोड’ प्रोजेक्ट के रूप में LR-SAM प्रणाली के निर्माण यानी इसे डेवलप करने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने इंडियन एयरफोर्स के 5 स्क्वाड्रनों की खरीद के लिए NOC दी थी. लंबी दूरी की इंटरसेप्टर और फायर कंट्रोल रडार के साथ मोबाइल LR-SAM प्रोजेक्ट में कई तरह की मिसाइलें होंगी जो 150 Km, 250 Km और 350 Km की दूरी पर मौजूद दुश्मन के खात्मे के लिए डिजाइन की गई हैं. इसकी कामयाबी का स्ट्राइक रेट 90 फीसदी तक बताया जा रहा है.
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