Aditya L 1 launch Mission: आदित्य एल 1 को शनिवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लांच किया जाना है. इसरो(ISRO) इसके लिए पूरी तैयारी कर चुका है. जिस तरह से हम सब चंद्रयान 3 मिशन(Chandrayaan 3 mission) की लांचिंग के गवाह बने ठीक वैसे ही आदित्य एल 1 मिशन लांचिंग का भी गवाह बन सकते हैं. आपके मन में सवाल उठना लाजिमी है कि इस ऐतिहासिक लांचिंग का गवाह कैसे बन सकते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आदित्य मिशन(Aditya Mission), सूरज पर लैंड नहीं करेगा बल्कि 14 करोड़ किमी दूर से सूरज के चेहरे को पढ़ेगा. इस मिशन को सूरज और धरती के अक्ष पर स्थित एल 1 प्वाइंट(L 1 Point) पर स्थापित किया जाएगा.
इसलिए खास है आदित्य एल 1 मिशन
आदित्य एल 1 मिशन को इसलिए अहम बताया जा रहा है क्योंकि अभी अमेरिका का नासा इस संबंध में अध्ययन कर रहा है. सामान्य तौर पर यह सवाल मन में कौंधता है कि आखिर एल 1 प्वाइंट का ही चुनाव क्यों किया गया. दरअसल सूरज और चांद के अक्ष पर पांच प्वाइंट्स की पहचान की गई है जिसे L1, L2, L3, L4, L5 नाम से जाना जाता है. इन बिंदुओं पर धरती और सूरज का गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे को कैंसिल कर देता है और वहां किसी भी स्पेसक्रॉफ्ट को लटकाया जा सकता है. यही नहीं एल 1 प्वाइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है. आदित्य एल 1 मिशन के तहत कुल सात पेलोड्स हैं जिनमें से चार सूरज की किरणों का और तीन एल 1 प्वाइंट का अध्ययन करेंगे.
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