खुशखबरी: गेहूं बेचने में किसानों को नहीं होगी दिक्कत, CM शिवराज ने कृषि मंत्री से की यह बड़ी मांग

भोपाल: शनिवार को एक दिवसीय प्रवास पर दिल्ली गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कृषि से जुड़ें तमाम मुद्दों पर चर्चा की. कृषि मंत्री से CM ने कहा कि मध्य प्रदेश में 30 लाख मैट्रिक टन गेहूं रखा हुआ है, जिसकी वजह से प्रदेश में फसल रखने की जगह नहीं है. इसलिए प्रदेश से 30 लाख मैट्रिक टन गेहूं उठाया जाए, ताकि गेहूं रखने के लिए वेयर हाउस में जगह मिल सके. 

केंद्र से 10 लाख मैट्रिक टन कैप बनाने की मांगी अनुमति
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 लाख मैट्रिक टन कैप बनाने की अनुमति केंद्र से मांगी है. केंद्रीय कृषि मंत्री से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि PDS की सब्सिडी का 2900 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिला है. 4 हजार करोड़ बकाया है, इसलिए बकाया राशि को जल्द रिलीज किया जाए. 

बुधनी-इंदौर रेल लाइन के लिए मांगा फंड
मुख्यमंत्री ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल से बुधनी-इंदौर रेल लाइन सुषमास्वराज की वजह से स्वीकृत हुई थी. इस लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के पैसा की जरूरत है. इसलिए केंद्र सरकार से 750 करोड़ देने की मांग की है. इसके अलावा खजराहो समेत अन्य जगहों के रेल चलती थी, मगर कोरोना की वजह से रेल संचालन बंद है. इसलिए रेल संचालन की भी मांग की गई है. 

MSP पर होगी गेहूं की खरीदी
सीएम ने बताया कि पिछले साल मध्य प्रदेश गेहूं की खरीदी के मामले में देशभर में पहले स्थान पर था. इसलिए कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश में इस वक्त  हमने यह आग्रह किया कि मध्य प्रदेश गेहूं की खरीदी में नंबर एक था पहला स्थान था हमने एक बार फिर से आग्रह किया की 84 लाख मीट्रिक टन गेहूं प्रदेश के वेयरहाउस और गोदामों में भरा हुआ है, जिसे जल्द से जल्द से उठावाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गेंहू एमएसपी ही खरीदा जाएगा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें इस बात से आश्वस्त कराया है.

खरीफ की फसल के समय नहीं होगी यूरिया का कमी
केंद्रीय मंत्री तोमर से मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ 2021 की फसल के लिए भारत सरकार ने साढ़े 12 लाख टन यूरिया हमें आवंटित किया है, लेकिन आवश्यकता को देखते हुए साढ़े 12 लाख टन की जगह हमें 15 लाख टन यूरिया प्रदान किया जाए. इससे खरीफ की फसल में यूरिया की कमी नहीं होगी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि मध्य प्रदेश को जितनी आवश्यकता होगी, उतनी यूरिया उपलब्ध करवाया जाएगा. शिवराज ने बताया कि मध्य प्रदेश ने 11 लाख टन डीएपी मांगा था, जिसे स्वीकृत कर दिया गया है इसलिए प्रदेश में अब डीएपी की कमी नहीं रहेगी.

रबी सीजन में चना, मसूर और सरसों की शासकीय खरीदी की सीमा बढ़ाने को लेकर भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बात की. मुख्यमंत्री ने बताया कि इन तीनों फसलों का उत्पादन बढ़ने की संभावना है. चने का संभावित उत्पादन 58.06 लाख टन होगा.


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