नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्नाटक (Karnataka) के डेक्कन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक पर कारोबार करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके बाद बैंक अब कोई नया लोन जारी नहीं कर सकता और ना ही किसी तरह की कोई जमा यानी डिपॉजिट स्वीकार कर सकता है. RBI ने इस बैंक की माली हालत सही नहीं होने की वजह से इन प्रतिबंधों का ऐलान किया है. आरबीआई ने कहा कि बैक पर पाबंदी का यह मतलब नहीं निकालना चाहिए कि उसका बैंक लाइसेंस रद्द किया जा रहा है.
ग्राहक निकाल सकते हैं सिर्फ 1,000 रुपये
बैंक की माली हालत इतनी खराब है कि आरबीआई ने उसके सभी सेविंग और करेंट एकाउंट ग्राहकों को 6 महीने में सिर्फ हजार रुपये निकालने की इजाजत दी है. हालांकि RBI ने ग्राहकों को 6 महीने की रोक की अवधि के दौरान जमा के बदले ऋण चुकाने की सशर्त अनुमति दी है. RBI के मुताबिक ग्राहक कर्ज का निपटारा अपनी जमा के आधार पर कर सकते हैं. यह कुछ शर्तों पर निर्भर है.
6 महीने की रोक, डरने की जरूर नहीं
RBI के फैसले के मुताबिक इस बैंक में तत्काल प्रभाव यानी 19 फरवरी 2021 से 6 महीने तक किसी भी तरह के कारोबार पर रोक रहेगी. रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि रोक का मतलब किसी भी तरह से डेक्कन अर्बन को-ओपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करना नहीं है. यह बैंक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग सेवाओं का संचालन कर सकता है. वहीं निर्धारित टाइम पीरियड के बाद फिर से बैंक की समीक्षा की जाएगी. हालांकि कामकाज पर बैन के बावजूद 99.58% ग्राहकों के लिए घबराने की जरूरत नहीं है.
RBI ने अपने बयान में ये भी कहा कि ग्राहकों को ‘जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम’ की तरफ से जमा पर मिलने वाले बीमा का लाभ दिया जाएगा. गौरतलब है कि इस बीमा के तहत ग्राहक को जमा पर 5 लाख रुपये तक बीमा कवर मिलता है.
RBI ने बैंक पर उसकी अनुमति के बिना किसी भी तरह का नया निवेश करने या कोई नया उत्तरदायित्व लेने को लेकर भी रोक लगाई है. साथ ही बैंक के सीईओ को 18 फरवरी को निर्देश दिया था कि वह किसी तरह का कोई भुगतान ना करें भले ही यह किसी देनदारी को चुकाने वाला हो. इसी के साथ बैंक RBI से छूट प्राप्त किसी भी तरह की परिसंपत्ति को भी डिस्पोज नहीं कर सकता है.
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