फ्लोरिडा: Pfizer-BioNTech द्वारा बनाए गए Coronavirus Vaccine का पहला डोज लेने के 2 हफ्ते बाद ही फ्लोरिडा की 56 साल की डॉक्टर की मौत हो गई है. एक दुर्लभ किस्म के ब्लड डिस्ऑर्डर (Blood Disorder) के कारण डॉक्टर की मौत हुई है.
अमेरिका में अप्रूव होने वाला पहला वैक्सीन
फाइजर-बायोएनटेक का वैक्सीन अमेरिका (US) में अप्रूव होने वाला पहला वैक्सीन है. इसकी पहली डोज लेने के 16 दिन बाद गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ग्रेगोरी माइकल की मौत हो गई. उनकी मौत के बाद सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग और मियामी-डेड मेडिकल एग्जामिनर्स ऑफिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
ऑफिस के डायरेक्टर डैरेन कैप्रारा ने कहा है, ‘मौत के कारण का अध्ययन अभी पूरा नहीं हुआ है. मामले की अभी भी जांच चल रही है, इसलिए कुछ भी अंतिम रूप से नहीं कहा जा सकता है.’
हालांकि मौत का सीधा संबंध अभी तक वैक्सीन से नहीं जोड़ा गया है लेकिन इसे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया गया है. माइकल की मौत को एक दुर्लभ कंडीशन से जोड़ा गया है, जो शरीर में रक्त के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करती है.
फाइजर ने भी शुरू की जांच
फाइजर ने भी इस मामले में स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है और स्वीकार किया है कि ‘डॉक्टर की मौत गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के अत्यधिक असामान्य क्लीनिकल केस के कारण हुई थी. साथ ही यह भी संकेत दिया है कि अब तक उनके शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी बहुत कम संभावना है कि उनकी मौत का वैक्सीन से कोई सीधा संबंध है.’
यह खबर पीडियाट्रिक सर्जरी असिस्टेंट के वैक्सीन डोज लेने के 2 दिन बाद हुई मौत के बाद सामने आई है. हालांकि 41 साल की सोनिया एसेवेडो को डोज लेने के बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ था.
facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें