नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे शहरों में घर लेना अब थोड़ा सस्ता हो सकता है. महाराष्ट्र कैबिनेट ने रियल एस्टेट सेक्टर (Real estate sector) को लेकर बड़ा फैसला किया है. रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रीमियम में 50 परसेंट कटौती करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि कैबिनेट का फैसला दीपक पारेख कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों पर आधारित है. कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के बाद राज्य के कंस्ट्रक्शन सेक्टर को कैसे बढ़ावा दिया जाए, इस पर सुझाव देने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया था.
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बिल्डरों के प्रीमियम में 50 परसेंट की कटौती
Premium salshed 50 pc
महाराष्ट्र में डेवलपर्स को सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार ने बिल्डरों के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए प्रीमियम में 50 परसेंट तक की छूट को मंजूरी दे दी है. कल राज्य सरकार की कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी. जो भी डेवलपर्स इस 50 परसेंट प्रीमियम छूट का फायदा लेंगे उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक ग्राहकों की ओर से चुकाई जाने वाली स्टैम्प ड्यूटी खुद भरेंगे.
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क्या होता है प्रीमियम चार्ज?
what is premium charge
मुंबई जैसे शहर में जमीन की किल्लत की वजह से बिल्डर को कम जमीन में ज्यादा कंस्ट्रक्शन करना पड़ता है. लिफ्ट, सीढ़ियां, बालकनी वगैरह में अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरी जरूरी होती है जिसके लिए म्युनिसिपल कॉरपोरेशन प्रीमियम और सेस चार्ज करता है. अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरियां प्रोजेक्ट शुरू होने से लेकर प्रोजेक्ट के पूरे होने तक होती हैं.
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ग्राहकों को लुभा सकेंगे बिल्डर्स
flat buyers to benefit
इस फैसले से मुंबई, ठाणे, पुणे और नवी मुंबई जैसे महानगरों में बनने वाली बिल्डिंग और फ्लैट लेने वाले ग्राहकों को फायदा होगा, उन्हें सस्ते में घर मिल सकेगा. सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत घटेगी और घर खरीदारों के लिए भी फ्लैट खरीदना सस्ता होगा. बिल्डर ग्राहकों को जीरो स्टैम्प ड्यूटी के ऑफर्स से ग्राहकों को लुभा सकेंगे.
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कैसे मिलेगा फायदा?
how to benefit
दरअसल मुंबई जैसे शहरों में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 परसेंट हिस्सा प्रीमियम और सेस के रूप में चुकाना पड़ता है. महंगी जमीन, प्रीमियम और सेस के चार्ज की वजह से कुल प्रोजेक्ट की कीमत काफी बढ़ जाती है. इससे घर खरीदारों के लिए भी फ्लैट की कीमत ज्यादा हो जाती है. लेकिन प्रीमियम आधा होने की वजह से अब सिर्फ 15 परसेंट ही बिल्डरों को देना होगा. जिसका सीधा असर घर की कीमतों पर पड़ेगा.
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किस्तों में प्रीमियम देने का विकल्प
option to pay in installment
सरकार के इस फैसले का फायदा केवल उन्हीं बिल्डर्स को मिलेगा जो ग्राहकों को स्टांप ड्यूटी के रूप में इसका फायदा आगे घर खरीदारों को देंगे. राज्य सरकार ने प्रीमियम की राशि को किस्तों में चुकाने का भी विकल्प दिया है, ताकि बिल्डर्स को एक बार में ज्यादा नकदी न देना पड़े और उसके पास अपने कामकाज के लिए पर्याप्त नकदी मौजूद रहे.
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BMC ने की थी प्रीमियम घटाने की मांग
BMC written letter
महानगर पालिकाओं की ओर से भी लंबे समय से मांग की जा रही थी कि कोरोना की वजह से उनके रेवेन्यू में काफी कमी आई है. हर साल प्रीमियम और सेस से BMC को करीब 2000- 2500 करोड़ का रेवेन्यू मिलता है. लेकिन 2020 में रेवेन्यू कलेक्शन 600 करोड़ के करीब ही रहा है. महानगर पालिकाओं ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि प्रीमियम में बिल्डरों को अगर छूट दी जाएगी तो ज्यादा से ज्यादा बिल्डिंग के प्रोजेक्ट रजिस्टर होंगे. इसका फायदा महानगरपालिका को भी होगी उनकी कमाई बढ़ेगी.
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