तिब्बत में चीन की पकड़ होगी और मजबूत! अब बर्फ से ढंके पहाड़ों के ऊपर भी उड़ेंगे फाइटर जेट

चीन की तीसरी पीढ़ी के विमानों में नहीं होगी ईंधन की समस्या. (प्रतीकात्मक फोटो)

बीजिंग : चीन की तीसरी पीढ़ी के विमानों ने भारत की सीमा से लगे तिब्बत में ऊंचे क्षेत्रों में उड़ान के दौरान इंजन संबंधी समस्या से संभवत: निजात पा ली है. मीडिया की एक खबर में गुरुवार (15 मार्च) को यही जानकारी दी गई. हांगकांग के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने अपनी खबर में कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी( पीएलए) ने बर्फ से ढंके पहाड़ों के ठीक ऊपर उड़ रहे चेंग्दू जे-10 और शेन्यांग जे-11 लड़ाकू विमानों के अभ्यास के वीडियो फुटेज ऑनलाइन डाले जिससे लगता है कि सेना ने इन विमानों की ऊंचे इलाकों में उड़ान के दौरान आने वाली इंजन की समस्या से पार पा लिया है.

ये लड़ाकू विमान चीन की तीसरी पीढ़ी के हल्के, बहुपयोगी लड़ाकू विमानों के बेड़े का हिस्सा हैं जिनमें रूसी एएल-31 एफ इंजन लगे हैं. जे-11 चीन की तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े का भी हिस्सा हैं.सैन्य निरीक्षकों के मुताबिक, इंजन पहले 3,000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर काम करना बंद कर दे रहे थे, जिससे कई हादसे हुए.

सीतारमण अगले महीने कर सकती हैं चीन का दौरा
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (12 मार्च) को पुष्टि करते हुए कहा कि वह जल्द ही चीन का दौरा करेंगी. सीतारमण ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह से इतर इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “हां, यह संभवत: अप्रैल के अंत में होगा.” उन्होंने कहा कि हालांकि इस संबंध में कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है. रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते इससे इंकार किया था कि रक्षा मंत्री चीन की यात्रा पर जा रही हैं.


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