इंदौरः हड्डियों की गंभीर बीमारी के इलाज के लिये अपनी बेटी के साथ पिछले साल भारत पहुंची 55 वर्षीय नाइजीरियाई महिला को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने वह प्राथमिकी खारिज कर दी है जिसमें मां-बेटी को हवाई टिकट बुक कराने के लिए एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित धोखाधड़ी में शामिल बताया गया था. इसके बाद उन्हें स्थानीय जेल से रिहा कर दिया गया है. ये मां-बेटी एक साल से ज्यादा समय से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद थीं. अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अमरेंद्र सिंह ने गुरुवार (15 मार्च) ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मुयीनात एडेनिके बालोगुन (55) और साइदात फोलाके बालोगुन (25) को जेल से रिहा कर दिया गया है. सिंह ने बताया, ‘रिहाई के बाद दोनों महिलाओं को शहर के एक महिला आश्रय गृह में अस्थायी तौर पर रखा गया है. उन्हें नाइजीरिया भेजने के लिये जरूरी औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
‘हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने नाइजीरियाई मां-बेटी की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका मंजूर करते हुए आठ मार्च को उनकी रिहाई का आदेश सुनाया. मामले के रिकॉर्ड और संबंधित न्यायिक संदर्भों के अवलोकन के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दोनों महिलाओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने योग्य है. यह प्राथमिकी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-डी और भारतीय दंड विधान की धारा 120-बी, 420, 467 और अन्य सम्बद्ध धाराओं के तहत दर्ज की गयी थी. इंदौर की एक निजी ट्रैवल्स फर्म की शिकायत के आधार पर पुलिस की अपराध शाखा ने मुयीनात और उनकी बेटी को नयी दिल्ली से 24 जनवरी 2017 को गिरफ्तार किया था.
facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें