नई दिल्ली : भारतीय आर्किटेक्ट बाल कृष्ण दोशी को वास्तुकला के क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए प्रित्जकर प्राइज से नवाजा जाएगा. जानकारी के मुताबिक बाल कृष्ण को विदेशी परंपरा के मुताबिक इमारत का निर्माण करने और उसी दौरान अपने गृह क्षेत्र के लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए प्रित्जकर प्राइज से सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि प्रित्जकर प्राइज को नोबेल पुरस्कार के बराबर माना जाता है.
दोशी को लंबे समय से भारत के अग्रणी जीवित आर्किटेक्ट्स और शहरी नियोजनकारों में से एक माना जाता है. दोशी को मूल रूपसे कम लागत वाले आवास परियोजनाओं और सार्वजनिक संस्थानों को डिजाइन करने के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है. न्यायिक पैनल ने कहा कि पुणे के जन्मे वास्तुकार बाल कृष्ण को अपने “असाधारण” कार्य, उनकी प्रतिबद्धता और अपने देश और उसके समुदायों के प्रति समर्पण के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है.
प्रित्जकर की ज्यूरी का कहना है कि बालकृष्ण दोशी ने एक ऐसा आर्किटेक्ट बनाया है जो गंभीर, गैर-आकर्षक और ट्रेंड्स को फॉलो नहीं करते हैं. उनके अंदर अपने देश और लोगों के जीवन में योगदान देने की इच्छा होने के साथ ही जिम्मेदारी की गहरी समझ है. उच्च गुणवत्ता, प्रामाणिक वास्तुकला के जरिए उन्होंने सार्वजनिक प्रशासन और उपयोगिताओं, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान और रिहायशी और प्राइवेट क्लांइट्स और दूसरी इमारते बनाई हैं.
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