परिवारवाद का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) में एक बार फिर गर्म हो गया है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर शिवसेना उद्धव गुट (UBT) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने निशाना साधा है. संजय राउत ने एकनाथ शिंदे को उनके सांसद बेटे को मुद्दा बनाकर घेरा. संजय राउत ने कहा कि परिवार की बात अगर शिंदे ना करें तो ही ठीक है. उनका खुद का बेटा सांसद है. उनका बेटा था इसीलिए उसे उद्धव ठाकरे ने उम्मीदवार बनाया था. जिला प्रमुख की उम्मीदवारी काटकर शिंदे के बेटे को मौका दिया गया था. क्या यह परिवारवाद नहीं है? यह तो आपका ही परिवार है.
संजय राउत की शिंदे को नसीहत
संजय राउत ने परिवारवादी पार्टियों की वकालत करते हुए कहा कि यह एक विचारधारा है. चाहे शरद पवार हों या उद्धव ठाकरे, उनकी विचारधारा को लेकर उनके घर के लोग ही आगे चले जाते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके जो वंशज हैं. यह एक प्रवाह होता है. उनको क्या पता परिवारवाद क्या होता है. यह तो बीजेपी के गुलाम हैं. संजय राउत ने ये भी कहा कि दिल्ली के इशारे पर महाराष्ट्र में गुजराती लॉबी काम कर रही है और यह सरकार भी महाराष्ट्र में गुजराती लॉबी द्वारा थोपी गई है. हमें भी मराठी होने पर गर्व है.
अपात्रता वाले फैसले पर क्या बोले राउत?
वहीं, अपात्रता के मामले पर संजय राउत ने कहा कि मैं यही कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने असेंबली स्पीकर के ऊपर एक जिम्मेदारी दी है कि आप ट्रिब्यूनल का काम करिए. न्याय देने का काम करिए. पहले वह शिवसेना में थे. बाद में राष्ट्रवादी में चले गए. बहुत सी पार्टी बदलकर अब वह बीजेपी में हैं. उनको ट्रिब्यूनल बनाया गया है. उन्होंने बेईमान शिंदे गुट के वकील के रूप में काम किया है.
स्पीकर के खिलाफ बोलने से किया परहेज
संजय राउत ने आगे कहा कि मैं स्पीकर के खिलाफ नहीं, ट्रिब्यूनल के खिलाफ बोल रहा हूं. अगर वो गलत है तो मैं गलत बोलूंगा. मैं स्पीकर का बात नहीं कर रहा हूं. ट्रिब्यूनल की बात कर रहा हूं. ये जो मुकदमा चल रहा था, उसमें स्पीकर का रोल ट्रिब्यूनल का था. मैं उसके ऊपर बोलूंगा. मैं विधानसभा के स्पीकर के ऊपर नहीं बोलूंगा. चाहे उन्होंने कितनी भी गलती की हो.
इंडिया गुट के नेता जाएंगे अयोध्या
वहीं, कांग्रेस के अयोध्या नहीं जाने वाले फैसले पर संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अपनी बात है. लेकिन हम लोग जल्द ही अयोध्या जाएंगे. हमें किसी इन्विटेशन की जरूरत नहीं है. इंडिया गुट में बहुत से ऐसे नेता हैं. हमने यह तय किया है कि हम सब अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे. मुझे लगता है कि रामलला किसी की निजी प्रॉपर्टी नहीं हैं.
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