दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजा गया नया समन कानूनी प्रक्रिया से ज्यादा केंद्र सरकार का एक राजनीतिक दिखावा प्रतीत होता है. आपको बताते चलें कि केजरीवाल ED की ओर से जारी दूसरे समन के बावजूद गुरुवार को जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. लेकिन इसके एक दिन बाद ही उन्हें दिल्ली शराब नीति मामले में नया नोटिस जारी किया गया, जिसमें अब 3 जनवरी को ईडी के सामने पेश होने को कहा गया है.
केजरीवाल को समन नहीं दिया जा सकता: AAP
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारद्वाज ने कहा, ‘पूरी दुनिया जानती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल विपश्यना में हैं. ईडी को भी यह बात अच्छी तरह से मालूम है कि उन्हें (केजरीवाल को) समन नहीं दिया जा सकता क्योंकि जब वो 10 दिनों के लिए विपश्यना में हैं और इस दौरान उनके पास संचार का कोई माध्यम नहीं है. तो भला वो कैसे इस समन का जवाब देंगे.’
आप नेता ने कहा, ‘यह समन कानूनी प्रक्रिया से ज्यादा केंद्र सरकार का राजनीतिक दिखावा प्रतीत होता है.’ आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को तीसरी बार समन किया गया है. उन्हें पहले दो नवम्बर को और उसके बाद 21 दिसम्बर को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने पेश होने से इनकार कर दिया.
ED के पास पूरा अधिकार, कभी भी कर सकती है गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (Fema) के तहत कार्रवाई करती है. ये केंद्रीय एजेंसी आपराधिक श्रेणी वाले फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की भी जांच करती है. एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति और उनके प्रापर्टी को जब्त करने और यहां तक कि गिरफ्तारी करने का भी अधिकार है. गैरकानूनी फाइनेंसियल एक्टिविटीज को अंजाम देने वाले इसके राडार पर होते हैं. ED की पावर का अंदाजा आप यूं भी लगा सकते हैं कि ये एजेंसी पूछताछ के बिना भी आरोपियों की संपत्ति अटैच कर सकती है.

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