MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 92 उम्मीदवारों की 5वीं लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी अब कुल 228 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. ऐसे में आइए जानते हैं उज्जैन जिले की 7 विधानसभा में उतारे गए भाजपा प्रत्याशियों के बारे में.
घट्टिया विधानसभा सीट
घट्टिया सीट से भाजपा के पूर्व विधायक सतीश मालवीय पर एक बार फिर भरोसा जताया है. सतीश मालवीय क्षेत्र में वर्ष 2013 में जीत दर्ज की थी जिसके बाद 2018 में उनका टिकट काट कर पार्टी ने अजीत बोरासी को टिकट दिया था और उन्हें कांग्रेस के वर्तमान विधायक राम लाल मालवीय ने हरा दिया था. जबकि 2013 में सतीश मालवीय कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय को हरा कर विधायक बने थे. भाजपा ने अपनी गलती को सही कर दोबारा सतीश मालवी पर भरोसा किया है. वहीं कांग्रेस ने भी वापस रामलाल मालवीय को टिकट दिया है. भाजपा प्रत्याशी सतीश मालवीय कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत जिनकी उज्जैन क्षेत्र में अच्छी पकड़ है उनके करीबी माने जाते हैं. सतीश की उम्र 41 वर्ष है. शिक्षा में एमए किया है. व्यवसाय में खेती किसानी.
तराना सीट
बीजेपी ने तराना सीट से ताराचंद्र गोयल को मौका दिया है. गोयल केंद्रीय समिति के सदस्य सत्यनारायण जटिया के करीबी माने जाते हैं. ताराचंद्र गोयल पार्टी से पूर्व विधायक है, जिन्हें 2003 में विधानसभा तराना से जीत मिली थी. इसके बाद अब दोबारा ताराचंद गोयल पर पार्टी ने भरोसा जताया है. पार्टी ने इस बीच 2008 में रोडमल राठौर को मौका दिया जिन्होंने जीत दर्ज की. उसके बाद उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र से सांसद अनिल फिरोजिया को मौका दिया जिन्होंने 2013 में जीत दर्ज की. 2018 में कांग्रेस विधायक महेश परमार ने भाजपा के अनिल को हराकर कांग्रेस के कब्जे में सीट को लिया वहीं आपको बता दें वर्ष 2003 में तारा चंद्र गोयल जिन्हें प्रत्याशी बनाया गया है उन्होंने पूर्व मंत्री बाबूलाल मालवीय को हराया था. लूप लाइन में चले गए गोयल का जब नाम पार्टी ने जारी किया तो हर कोई दंग रह गया.
दक्षिण विधानसभा
दक्षिण विधानसभा से डॉ मोहन यादव वर्तमान विधायक है. भाजपा ने तीसरी बार भरोसा जताया है. डॉ मोहन यादव वर्ष 2013 में पहली बार विधायक बने. 2018 में दूसरी बार उच्च शिक्षा मंत्री भी बनाए गए. 58 वर्षीय मोहन यादव की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने बीएससी, एलएलबी, एम ए, एमबीए, पीएचडी की है. डॉ मोहन यादव 1982 से राजनीति में है. डॉ मोहन यादव अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. बता दें कि 2018 में मोहन यादव ने कांग्रेस के राजेन्द्र वशिस्ठ को हराया.
नागदा/ख़ाचरोद सीट
नागदा/ख़ाचरोद सीट से भाजपा के तेज बहादुर सिंह को मैदान में उतारा है. तेज बहादुर सिंह प्रदेश कार्य समिति के सदस्य है. वे 1999 में पूर्व पार्षद रहे हैं. सत्यनारायण जटिया और थावर चंद्र गेहलोत जैसे बड़े नामों के करीबी है. यहां भाजपा का सबसे ज्यादा विरोध है. 3000 कार्यकर्ताओं पदाधिकारी ने दिलीप सिंह शेखावात के समर्थन में इस्तीफा दिया लेकिन बाद में कैलाश विजयवर्गीय ने पहुंच के डैमेज कंट्रोल किया. नागदा/खाचरोद से वर्ष 2018 में वर्तमान विधायक दिलीप सिंह गुर्जर कांग्रेस से जीते और पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत भाजपा को मात दी.
बड़नगर विधानसभा
बड़नगर विधानसभा से भाजपा के जितेंद्र पंडया को मौका दिया है. नया नाम है जितेंद्र पूर्व विधायक उदय पंडया के बेटे है. उदय पंडया लोकतंत्र सेनानी(मीसाबंदी) भी रहे हैं. 1976 में जन्मे जितेंद्र युवा चेहरा हैं. 47 वर्ष उम्र है. शिक्षा में कला संकाय में स्नातक किए हुए हैं.किसान परिवार से आते हैं. पंडया पूर्व पार्षद, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, जिला संयोजक पर्यावरण प्रकोष्ठ, महामंत्री नगर युवा मोर्चा, कमल वाहिनी में संयोजक रहे हैं. वर्तमान में जिला कार्यसमिति सदस्य जिला ग्रामीण भाजपा में है. पूर्व में भाजपा पार्टी ने पहले इन्हें टिकट दिया उसके बाद नाम बदल कर संजय शर्मा कर दिया. लेकिन संजय शर्मा को हार मिली और अब भाजपा ने अपनी गलती स्वीकार कर वापस ब्राह्मण और युवा चेहरे जितेंद्र पंडया पर भरोसा जताया है.
उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट
बीजेपी ने उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट से अनिल जैन कलुहेड़ा को उतारा है. अनिल जैन वर्तमान में सः कोषाध्यक्ष हैं. पार्टी में अनिल लंबे वक़्त से दावेदारी कर रहे. भाजपा ने वर्तमान 6 बार के विधायक पारस जैन का टिकट काट कर अनिल पर भरोसा किया है. पारस जैन की उम्र 73 है. क्षेत्र में उनका विरोध उनके लिए मुसिबत बना. लेकिन अब अनिल और पारस भी दो गुट की तरह है. यहां भाजपा को आप पार्टी के विक्की यादव, कांग्रेस के माया के सामने मुश्किलों का सामान करनै पड़ सकता है. अनिल जैन की उम्र 59 वर्ष है. वे किसान और व्यापारी है. उन्होंने उद्योगिक रसायन में एमएससी किया है. वर्ष 2018 में यहां भाजपा के पारस जैन ने कांग्रेस के राजेन्द्र भारती को हराया था. सिंधिया समर्थक होने से अब राजेन्द्र भारती भी भाजपा में है.
महीदपुर विधानसभा सीट
महीदपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक बहादुर सिंह चौहान को तीसरी बार मौका मिला है. इन्होंने 2018 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश जैन बॉस को हराया. अब दिनेश जैन बॉस कांग्रेस की और से सामने है. यहां बहादुर सिंह का विरोध भाजपा में ही ज्यादा है. इसलिए दिनेश जैन बॉस को सफलता मिल सकती है. 2018 में कांग्रेस से सरदार सिंह चौहान को भाजपा ने हराया था.
रिपोर्ट – राहुल सिंह राठौड़
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