World News in Hindi: इजरायल और गाजा में के बीच जारी जंग ने पूरी दुनिया को इस मुद्दो को दो खेमों में बांट दिया है. पश्चिमी देश वैश्विक मंच पर तेजी से अलग-थलग पड़ गए हैं, यह प्रवृत्ति यूक्रेन युद्ध के बाद से तेज हो गई है.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के डेढ़ साल से अधिक समय बाद, पश्चिम के प्रभाव क्षेत्र के बाहर के कई देश कीव का समर्थन करने के लिए यूक्रेन के सहयोगियों के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर रहे हैं.
इजरायल पश्चिमी देशों का समर्थन
इज़राइल पर हमास के अभूतपूर्व हमले के दिन (7 अक्टूबर), पश्चिमी देशों ने आतंकवादी समूह के हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और जोर देकर कहा कि ‘आतंकवाद को कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता.’ वहीं सऊदी अरब, मिस्र, मोरक्को और तुर्की के साथ-साथ वैश्विक शक्तियों रूस और चीन सहित तनाव कम करने का आह्वान किया.
इन देशों ने किया फिलिस्तीन और हमास के लिए समर्थन
अल्जीरिया, ईरान, सूडान और ट्यूनीशिया ने गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी संगठन हमास के लिए खुले तौर पर समर्थन व्यक्त किया है. जॉर्डन और बहरीन सहित पूरे मध्य पूर्व में हजारों लोग फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को एकत्र हुए. तेजी से विभाजित होती दुनिया में, अब सभी की निगाहें फिलिस्तीनी लोगों के भाग्य पर हैं.
इन अरब देशों के सामने बड़ा सवाल
यह मुद्दा विशेष रूप से उन अरब देशों के लिए भयावह है जिन्होंने इजरायल के साथ संबंध सामान्य कर लिए हैं और अभी भी फिलिस्तीनियों के लिए अटूट समर्थन की घोषणा कर रहे हैं.
लंदन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के फ्रेंकोइस हेइसबर्ग ने कहा, ‘(अरब देश) अब अपने ही लोगों की प्रतिक्रिया से डर रहे हैं.’
साइंसेज-पो पेरिस के प्रोफेसर बर्ट्रेंड बैडी ने कहा, ‘कुछ अरब सरकारों को लगता है कि फिलिस्तीन का समर्थन करना बहुत महंगा है, लेकिन उनकी (लोगों की) स्थिति फिलिस्तीनी मुद्दे से जुड़ी हुई है.’
अरब स्प्रिंग विद्रोह के साथ-साथ विश्व कप टूर्नामेंट के दौरान फिलिस्तीनी झंडों की व्यापक उपस्थिति को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह आबादी के लिए सत्तावादी, भ्रष्ट, खराब कामकाजी शासनों में अपनी निराशा व्यक्त करने का एक तरीका है.’
मोरक्को, जॉर्डन और मिस्र जैसे देशों के लिए, फिलिस्तीनियों के लिए और इजरायली कार्यों के खिलाफ जनमत जुटाना वास्तव में ‘डेमोकल्स की तलवार’ है, बैडी ने चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘फिलीस्तीनी मुद्दा लंबे समय से गुटनिरपेक्ष देशों का प्रमुख का मुद्दा रहा है.
ग्लोबल साउथ का रुख
एक संतुलित वैश्विक व्यवस्था की मांग करने वाले ‘ग्लोबल साउथ’ के देश ‘फ़िलिस्तीन को एक बातचीत के खेल में फिर से शामिल करना’ चाहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने बुधवार को युद्ध में फंसे फिलिस्तीनी और इजरायली बच्चों की सुरक्षा के लिए आह्वान किया.
इज़राइल-गाजा युद्ध के पीड़ितो में विदेशी भी शामिल
इज़राइल-गाजा युद्ध के पीड़ितों में यूक्रेन की तुलना में काफी हद तक विदेशी भी शामिल हैं. विभिन्न राष्ट्रीयताओं के लगभग 150 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को हमास ने बंधक बनाकर रखा है.
(इनपुट – एजेंसी)
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