Money Goals: अगर आप नौकरीपेशा हैं या बिजनेस करते हैं तो यह सवाल सबसे बड़ा है कि आप अपने रिटायरमेंट के लिए क्या प्लान कर रहे हैं? जी हां, तेजी से बढ़ती जरूरतों और खर्च के बीच आपको अपने भविष्य का भी ध्यान रखना होगा. आपको अभी से यह ध्यान देना होगा कि आप अपने लक्ष्यों के लिए सही राशि निवेश कर रहे हैं या नहीं.
एसआईपी में कर सकते हैं निवेश
काफी लोग यह करते हैं कि पहले अपने घर का खर्च चलाते हैं और फिर जो बचा उसे निवेश में लगा देते हैं. हालांकि आप यह भी कर सकते हैं कि हर महीने सैलरी आने पर एक निश्चित रकम निवेश करें और बाकी बचे पैसे से महीने का खर्च करें. उदाहरण के तौर पर घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद आपके पास यदि 15000 रुपये सेविंग के लिए बचते हैं तो आप इस पैसे को 15 साल बाद के लक्ष्य को ध्यान में रखकर एसआईपी में निवेश कर सकते हैं. लेकिन यदि आपकी भविष्य की योजना के हिसाब से 18 हजार की सेविंग जरूरी है तो आप इसे भी कुछ खर्च मैनेज करके कर सकते हैं.
यहां आप यह देख सकते हैं कि कैसे महज 3,000 रुपये की कमी आपके फाइनेंशियल टार्गेट को पटरी से उतार सकते हैं. . 15 साल में 3000 रुपये पर 12 फीसदी ब्याज की दर से करीब 15 लाख रुपये बनते हैं. क्या आप आने वाले समय में ऐसी कमी के लिए तैयार हैं? अगर नहीं तो आइए आपको क्या करना चाहिए?
महंगाई आपके लक्ष्यों की दुश्मन है
आपका लक्ष्य जितना लंबा होगा, राशि उतनी ही अधिक अनिश्चित हो जाएगी. महंगाई आपके भविष्य के लक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है. इससे निपटने के लिए आपको अभी से ध्यान रखाना होगा कि अभी से किन चीजों का फोकस करने से आपकी भविष्य की जरूरतें प्रभावित न हों.
उदाहरण के लिए आपका लक्ष्य बच्चों की शिक्षा जरूरतों के सेविंग करना है, तो शुरुआत में महंगाई के हिसाब से भविष्य में आपको कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, इसे कैलकुलेट करें. इससे आपको सही रकम की सेविंग करने में मदद मिलेगी. इसी तरह आप बच्चों की शादी के अलावा अन्य जरूरतों के लिए भाी प्लानिंग कर सकते हैं. मान लीजिए, शादी समारोहों और आयोजनों में आज 25 लाख रुपये खर्च होते हैं. 21 साल बाद 5 प्रतिशत महंगाई दर मानकर 70 लाख रुपये खर्च हो सकते हैं. इस हिसाब से आपको उस समय 25 लाख नहीं बल्कि 70 लाख रुपये की जरूरत होगी.
यदि आप रिटायरमेंट के लिए बचत करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले मौजूदा लागत पर अपने मंथली एक्सपेंस पर विचार करें. 5 फीसदी महंगाई दर मानकर अंदाजा लगाएं कि रिटायरमेंट के बाद आपका खर्च कितना होगा. इससे आपको अपने रिटायरमेंट के बाद हर महीने के खर्च का अंदाजा लग जाएगा. इसके बाद आप अंदाजा लगाएं कि कौन सा निवेश आपके रिटायरमेंट की जरूरत को पूरा कर सकता है?
महंगाई आपके लक्ष्य को कैसे प्रभावित करती है?
वित्तीय लक्ष्य के लिए निवेश करते समय कई निवेशक मौजूदा लागत पर लक्ष्य के मूल्य पर विचार करते हैं. इसलिए यदि आज किसी बच्चे की शिक्षा की लागत 10 लाख रुपये है, तो माता-पिता 15 साल बाद की लागत को नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में मान लीजिए आप 4,000 रुपये महीना बचाना शुरू कर देते हैं. इस हिसाब से 15 साल बाद 10 लाख की लागत उस समय बढ़कर करीब 28 लाख रुपये पर पहुंच जाएगी. ऐसे में आपको 4000 रुपये की बजाय 6000 रुपये महीना निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए.
यह हमेशा आपके लिए बेहतर रहेगा कि आप महंगार्इ के उच्च स्तर को कैलकुलेट करके खर्च का हिसाब लगाकर आज से ही निवेश शुरू कर दें. लंबी अवधि के लिए, इक्विटी समर्थित उत्पाद जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करें, मान लें कि सालाना वृद्धि दर 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है और मुद्रास्फीति 6-7 प्रतिशत प्रति वर्ष है.
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