Jammu Kashmir News: संस्थानों का नाम बदलने पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, पूछा- क्या इतिहास से हटा सकते हैं बापू का नाम?

NEW DELHI, AUG 9 (UNI):- A tv grab shows National Conference MP Farooq Abdullah participates in the discussion on the Motion of No-Confidence in the Lok Sabha during the Monsoon session of Parliament, in New Delhi on Wednesday. UNI PHOTO-87U

Farooq Abdullah On Name Change: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. फारूक अब्दुल्ला ने पूछा कि क्या सरकार शेख अब्दुल्ला (Sheikh Abdullah), जवाहरलाल नेहरू (JL Nehru) और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का नाम इतिहास से हटा सकती है. फारूक ने आगे कहा कि केंद्र सरकार शेख अब्दुल्ला और जवाहर लाल नेहरू के नाम पर रखे गए संस्थानों के नाम बदल रही है, लेकिन उन्हें इतिहास से मिटाया नहीं जा सकता है. फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि वे नाम बदलकर हिस्ट्री नहीं बदल सकते. क्या वे इतिहास से जवाहर लाल नेहरू, शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और महात्मा गांधी का नाम हटा सकते हैं? उन्होंने सिलेबस से मुगल शासन पर पाठ हटा दिए, पर वे इतिहास से मुगलों को कैसे मिटाएंगे?

नाम बदलने पर क्या बोले फारूक?

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब मेरे बच्चे और आपके बच्चे ताजमहल देखेंगे तो पूछेंगे कि इसे किसने बनवाया? वे क्या कहेंगे? नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला के नाम के ऊपर रखे गए प्रोजेक्ट्स का नाम बदलने के बारे में पूछे जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला लोगों के दिलों में रहते हैं. वे वहां से उन्हें नहीं हटा सकते.

कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से हटा ‘शेर’ नाम

बता दें कि फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला थे. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शेख अब्दुल्ला का लोकप्रिय नाम ‘शेर’ कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से हटा दिया है. दिल्ली में, 14 अगस्त से ऑफिशियल तौर पर नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी कर दिया गया है.

लद्दाख में चीन पर फारूक का बयान

वहीं, लद्दाख में चीन द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जा करने वाले राहुल गांधी के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह जानते हैं कि चीनी हमारी जमीन पर बैठे हैं. आप यह राहुल गांधी से पूछिए. फारूक अब्दुल्ला ने ऐसा कुछ नहीं कहा है. मुझे पता है कि वे हमारी जमीन पर बैठे हैं. अब तक 19 दौर की वार्ता हो चुकी है, वे कब वापस जाएंगे, मुझे नहीं पता.

(इनपुट- भाषा)


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