Parama Ekadashi Vrat Katha: इस समय अधिकमास चल रहा है, सावन में अधिकमास का पड़ना बहुत शुभ होता है. अधिकमास 3 साल में एक बार आता है, इसलिए इस महीने की हर तिथि बहुत खास होती है. अधिकमास भगवान विष्णु को समर्पित है और एकादशी तिथि भी भगवान विष्णु को समर्पित है. इसलिए अधिकमास की एकादशी विशेष होती है, इसे परमा एकादशी कहते हैं. भगवान विष्णु की कृपा सुख, सौभाग्य, धन, समृद्धि देती है. व्यक्ति के जीवन में कभी भी गरीबी और कष्ट नहीं ठहरते हैं. इसलिए परमा एकादशी का व्रत करना और विधि-विधान से पूजा करना बहुत लाभ देता है.
परमा एकादशी पूजा मुहूर्त
यदि आप पैसों की तंगी या कर्ज से परेशान हैं तो परमा एकादशी के दिन कुछ उपाय कर लें. ऐसा करने से गरीबी से निजात मिलती है. इस बार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 11 अगस्त 2023, शुक्रवार की सुबह 05:06 बजे से प्रारंभ होगी और 12 अगस्त, शनिवार की सुबह 06:31 बजे समाप्त होगी. यह व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा. परमा एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अगस्त 2023 की सुबह 07:28 बजे से सुबह 09:07 बजे तक रहेगा. वहीं परमा एकादशी व्रत का पारण समय 13 अगस्त, रविवार की सुबह 05:49 बजे से सुबह 08:19 बजे तक रहेगा.
परमा एकादशी के दिन करें ये काम
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब पांडव अपना राजपाट खो चुके थे, कौरवों ने उनसे सब छीन लिया था, तब भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि परमा एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति दरिद्रता से मुक्त हो जाता है. उसके जीवन से धन संकट दूर हो जाता है. साथ ही परमा एकादशी व्रत यश और सम्मान दिलाता है. इसके लिए जरूरी है कि परमा एकादशी व्रत और पूजा विधि-विधान से किया जाए.
– परमा एकादशी व्रत के लिए तैयारी एक दिन पहले ही शुरू हो जाती है. यानी कि परमा एकादशी से एक दिन पहले सात्विक भोजन ही करें. व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं. फिर भगवान के सामने हाथ में फूल और अक्षत लेकर परमा एकादशी व्रत करने का संकल्प लें.
– फिर शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. फिर भगवान का पंचामृत से अभिषेक करें. उन्हें पीले वस्त्र, फूल, माला, जनेऊ, चंदन आदि से उनका श्रृंगार करें. उन्हें अक्षत, तुलसी के पत्ते, फल, मिठाईयों का भोग लगाएं. धूप, दीप करें. साथ ही इस दौरान ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करते रहें. घी का दीपक जरूर जलाएं.
– विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. परमा एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें. इसके बिना पूजा अधूरी रहती है. आखिर में आरती करें.
– परमा एकादशी के दिन दिनभर केवल फलाहार ग्रहण करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें. इस दिन किसी योग्य ब्राह्मण को दान जरूर दें. अच्छा आचरण करें, किसी को अपशब्द ना कहें, ना मन में बुरे विचार लाएं. अगले दिन सही समय में पारण करें.
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