कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती रहने वाली है. पंजाब में जिस तरह का माहौल है और खुफिया जांच एजेंसियों एवं भारत की सुरक्षा एजेंसियों को जो इनपुट मिल रहे हैं, उससे साफ जाहिर है कि पंजाब में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए पंजाब पुलिस को काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी. यात्रा के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर शांति बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती रहेगी.
11 जनवरी को हरियाणा एवं पंजाब बॉर्डर पर राहुल गांधी की शंभू बैरियर से एंट्री होगी और सुबह 6 बजे राहुल गांधी पंजाब कांग्रेस के अन्य नेताओं समेत गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में शीश झुकाएंगे. सुबह साढ़े 6 बजे फ्लैग हेंडओवर सेरेमनी होगी और सुबह 7 बजे ही सरहिंद की दाना मंडी से पद यात्रा शुरू कर दी जाएगी.
ये पूरी यात्रा कुछ इस तरह रहने वाली है…
- 11 जनवरी की दोपहर यात्रा कुछ देर के लिए विराम लेगी और दोपहर साढ़े 3 बजे मंडी-गोबिंदगढ़ के खालसा स्कूल ग्राउंड से पद यात्रा दोबारा आगे बढ़ेगी.
- 12 जनवरी को सुबह 6 बजे कश्मीर गार्डन, मल्हीपुर के पास से यात्रा शुरू कर दोपहर 12 बजे समराला चौक पर विराम लेगी. 25 किलोमीटर की ये पद यात्रा बिना ठहराव के होगी.
- 13 जनवरी को लोहड़ी पर्व के चलते पद यात्रा नहीं की जाएगी.
- 14 जनवरी को तीसरे दिन लाडोवाल टोल, गिल लुधियाना के समीप से सुबह 6 बजे यात्रा शुरू होगी. फिर दोपहर को अल्प विराम के बाद साढ़े 3 बजे जीसी रिसॉर्ट गोराया से यात्रा आगे बढ़ेगी.
- 15 जनवरी को सुबह 6 बजे LPU यूनिवर्सिटी से यात्रा शुरू की जाएगी. फिर कुछ देर विश्राम के बाद दोपहर साढ़े 3 बजे BMC चौक जालंधर से दोबारा आगे बढ़ेगी.
- 16 जनवरी की सुबह 6 बजे अवतार रेजेंसी के समीप गारंव काला बकरा से पद यात्रा शुरू की जाएगी. दोपहर को विश्राम के बाद साढ़े 3 बजे दोबारा आदमपुर के गांव खरल कलां से यात्रा दोबारा शुरू की जाएगी.
- 17 जनवरी की सुबह 6 बजे दसूआ के झींगर खुर्द से पद यात्रा शुरू की जाएगी. दोपहर को अल्प विराम के बाद साढ़े 3 बजे गोंसपुर से यात्रा आगे बढ़ेगी.
- 18 जनवरी को सातवें दिन मुकेरियां भंगाला से यात्रा शुरू होगी और हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करेगी.
- 19 जनवरी को पंजाब में यात्रा के आखिरी दिन राहुल गांधी पठानकोट में दोपहर 12 बजे रैली को संबोधित करेंगे.
केंद्रीय एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पंजाब में खालिस्तान की गतिविधियों को लेकर कई तरह के इनपुट मिल रहे हैं. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि पंजाब में दोबारा से मिलिटेंसी की आहट तो नहीं सुनाई पड़ रही. केंद्रीय जांच एजेंसी के शीर्ष अफसर यह बात मानते हैं कि पंजाब में जिस सख्ती के साथ खालिस्तान की छिटपुट घटनाओं पर एक्शन होना चाहिए, वह दिखाई नहीं पड़ रहा. अभी तो ये धुआं है, लेकिन इसके आग की लपटों में बदलने में देर नहीं लगेगी.
सियासी मौन से बढ़ी परेशानी
पंजाब में उस वक्त वह जोखिम कई गुणा ज्यादा बढ़ जाता है, जब ऐसे मामलों पर सियासत की तरफ से ‘मौन’ धारण करने जैसा कुछ दिखाई पड़ता है. इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए ‘केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों’ को अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि खालिस्तान मूवमेंट या आतंकवादी घटना, ये तभी फल फूल सकती हैं, जब इन्हें किसी भी तरह से कम या ज्यादा राजनीतिक समर्थन हासिल होता है. अब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी की यात्रा के समय पंजाब पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवा पाएगी.
भारत जोड़ो यात्रा, पंजाब में जनवरी के दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर रही है. वहां से यह यात्रा कश्मीर तक पहुंचेगी. खालिस्तान की बढ़ती घटनाओं और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयानों के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है.
कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी को मिली थी धमकी
अभी कुछ दिन पहले प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक ‘एसएफजे’ ने धमकी जारी की थी कि पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा को रोक दिया जाएगा. उसने यात्रा को रोकने के लिए एक वीडियो भी जारी किया था. गुरपतवंत सिंह पन्नू के संगठन की ओर से दीवारों पर राहुल गांधी और इंदिरा गांधी को लेकर आपत्तिजनक नारे लिखे गए थे . सिख प्रचारक एवं जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक अमृपाल सिंह संधू, खुलेआम खालिस्तान का समर्थन कर रहा है. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के जरिए अमृतपाल सिंह कहता है, वह हर उस इंसान के साथ हैं जो खालिस्तान का समर्थन करता है. गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में संधू ने कहा, सरकार किसी को भी आतंकी या साधु घोषित कर देती है. आज भी सब पंजाबी गुलाम हैं. जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
इस तरह की बातें करने वाले संधू को लेकर भी पंजाब सरकार चुपी साधे हुए है. ऐसे में यात्रा के समय पुलिस को खास ध्यान रखना पड़ेगा. इतना ही नहीं, पंजाब से राहुल की यात्रा जम्मू कश्मीर की तरफ बढ़ेगी, वहां भी सुरक्षा के मद्देनजर परिस्थितियां कुछ ठीक नहीं हैं. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर इस समय सुरक्षा एवं खुफिया जांच एजेंसियों की चिंता काफी बढ़ी हुई है.
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