भारत की राजनीति में पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम का नाम काफी छाया हुआ है। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अरूसा को आईएसआई का एजेंट बताया था। इसके बाद उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की थी। अब उन्होंने कहा है कि वह आईएसआई से संबंधों के आरोपों पर भारतीय एजेंसियों की जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
अरूसा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को अपमानजनक और पूरी तरह से निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कोई जांच शुरू हो रही है तो वे भारत की केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। आगे कहा कि भारत मेरे खिलाफ निराधार प्रचार की जांच के लिए तीसरे देश के जांचकर्ताओं को भी शामिल कर सकता है।
पत्रकार अरूसा ने कहा कि इस विवाद के बावजूद कैप्टन साहब अब भी मेरे अच्छे दोस्त हैं। लगभग 16 साल पहले जब मुझे पहली बार कुछ कारणों से भारतीय वीजा देने से मना कर दिया गया था तो भारत सरकार ने इस तरह की जांच की थी और बाद में मुझे वीजा जारी किया गया था।
उन्होंने कटाक्ष किया कि उनके जरिए आईएसआई ने आखिर क्या राज हासिल कर लिया होगा। गौरतलब है कि पंजाब के उपमुख्यमंत्री और गृह विभाग संभाल रहे सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पिछले हफ्ते कहा था कि आलम का पाक एजेंसी आईएसआई से कोई संबंध है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी।
रंधावा के बयान पर आलम ने पलटवार किया कि आईएसआई के साथ मेरे तार जोड़ने का विचार नवजोत सिंह सिद्धू के मुख्य रणनीतिकार मुस्तफा का हो सकता है।
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