भोपाल। प्रदेश के स्थापना दिवस पर एक बार फिर सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम के गायन से होगी। वहीं राज्य के नागरिकों में अपने
प्रदेश की माटी के प्रति लगाव व उमंग भरने मध्य प्रदेश गान की प्रस्तुति भी एक बार से प्रारंभ होगी। उल्लेखनीय है कि मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने प्रदेशवासियों में एकता और अपने मध्य प्रदेश को गढऩे और विकास के पथ पर बढ़ाने में योगदान की भावना से मध्य प्रदेश गान की शुरुआत
2011 में की थी। प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक भवन बल्लभ भवन में वंदे मातरम का आयोजन प्रारंभ किया था। जिसमें साज बाज के साथ सरकारी
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश गान भी शामिल था लेकिन कोविड-19 के चलते सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों में रुकावट आई। पुन: ऐसे कार्यक्रमों
की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रभक्ति और मातृ भूमि तथा मातृ शक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रमों के ऐसे आयोजनों के बाद भी प्रदेश का सबसे ऊंचा
राष्ट्रध्वज मंत्रालय के उद्यान में फहरो लगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की इस श्रंखला में वंदे मातरम मध्य प्रदेश गान और कन्या पूजन जैसे कार्यक्रमों
की नैतिक प्रस्तुति के होने से कार्यक्रमों की शोभा तो बढ़ी साथ ही साथ राष्ट्रभक्ति,अपने प्रदेश की भावना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों
को शक्ति प्रदान की। पूर्व में आयोजित वंदे मातरम कार्यक्रम में मुयमंत्री सहित प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य मुय सचिव व मंत्रालय के वल्लभ भवन
व सतपुड़ा विंध्याचल भवन के कर्मचारी अधिकारी उपस्थित होते रहे हैं। अब एक बार फिर मंत्रालय प्रांगण में इसका कार्यक्रम का आयोजन की संभावना है जिसके चलते मध्यप्रदेश गान और वंदे मातरम की गूंज सुनाई देगी।
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