टी-20 वर्ल्ड कप में सुपर-12 के मुकाबले 23 अक्टूबर से शुरू होने वाले हैं। पहला मैच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। सभी मैच UAE के तीन ग्राउंड अबू धाबी, दुबई और शारजाह में खेले जाएंगे। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले इन पिचों पर IPL के मैच भी खेले गए थे। उसी के आधार पर आइए हम आपको तीनों ग्राउंड की पिचों का लेखा-जोखा बताते हैं।
शारजाह
शारजाह के पिचों को IPL 2021 के दूसरे फेज से पहले पूरी तरह से बदल दिया गया। पहले यहां की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग होती थी। 2020 के संस्करण में टीमों ने हर 12 गेंदों पर एक छक्का लगाया, लेकिन 2021 में यह संख्या 23 थी। 2021 में यहां दस IPL मैचों में केवल 98 छक्के लगे। ये पिच पूरी तरह से धीमी हो चुकी है।
IPL में यहां गति में बदलाव करने वाले गेंदबाजों को अधिक सफलता मिली। तेज गेंदबाज और स्पिनरों की इकोनॉमी रेट क्रमशः 6.92 और 6.79 रही। वहीं, शारजाह की पिच पर तेज गेंदबाजों की स्ट्राइक रेट स्पिनरों से बेहतर थी। स्पिनरों ने यहां हर 22 गेंद पर विकेट झटका, तो वहीं तेज गेंदबाजों को हर 17 गेंदों में एक विकेट मिला।
सुपर 12 में न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को शारजाह में दो-दो मैच खेलने हैं। अगर पिच IPL की तरह ही खेलती है तो पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के पास इन परिस्थितियों के लिए सबसे बेहतरीन टीम है।
दोनों टीमें अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन स्पिनरों को उतार सकती हैं। साथ ही उनकी बल्लेबाजी लाइन-अप में ज्यादा पावर-हिटर्स नहीं हैं, लेकिन वो स्पिन को अच्छे से खेलते हैं। इस पिच पर 180-200 रन नहीं बनने वाले हैं। 140-160 रन अगर कोई टीम बना देती है तो इस पिच पर ये सम्मानजनक स्कोर होगा।
दुबई
दुबई की पिचों में पिछले कुछ सालों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। कुछ पिचें धीमी रही हैं, जबकि कुछ ने तेज गेंदबाजों की मदद की है। IPL के पिछले दो सीजन में यहां औसत स्कोर 150-160 के बीच रहा है। स्पिनरों ने यहां 32 रन देकर एक विकेट निकाला है तो वहीं, तेज गेंदबाजों का प्रति विकेट दर 27 रन का है। तेज गेंदबाज दुबई की पिच पर ज्यादा सफल होते हैं। टीमें दुबई में तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकती हैं।
टीम इंडिया को सुपर-12 में पांच मैच खेलने हैं। इनमे से 4 मैच वो दुबई में खेलेंगे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी की भूमिका इन पिचों पर काफी अहम होने वाली है।
अबू धाबी
अबू धाबी की पिच बल्लेबाजों को काफी मदद करने वाली है। यहां बल्लेबाजी के लिए आम तौर पर परिस्थितियां बहुत अच्छी होती हैं, लेकिन यहां की बांउड्री दुबई, शारजाह से काफी बड़ी है। ऐसे में गेंदबाज के लिए भी यहां बहुत कुछ है। इस मैदान पर स्पिनरों के लिए ज्यादा मदद नहीं है। उनका औसत प्रति विकेट 33 रन है जबकि तेज गेंदबाजों का औसत प्रति विकेट 29 रन है।
रात के मैचों में अधिक ओस काफी होगी। ऐसे में दोपहर के मैच और शाम के मैच बहुत अलग होंगे। ओस की वजह से रात वाले मैच में टीमों को उच्च स्कोर का पीछा करना आसान हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज को यहां दो मैच खेलने हैं, जबकि अफगानिस्तान यहां तीन मैच खेलेगी। उनमें से दो मैच दोपहर में होंगे।
टॉस जीतकर पहले करें फील्डिंग
विश्व कप अक्टूबर और नवंबर के महीनों में आयोजित किया जा रहा है। इस समय UAE में मौसम ठंडा होने लगता है। IPL 2020 जो सितंबर से नवंबर तक खेला गया था। उनके आंकड़े को हमने दो हिस्सों में बांटा है और यह एक दिलचस्प कहानी बयां कर रहे हैं।
पहले हाफ में जब हालात गर्म थे और ओस कम थी तो पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने 77% मैच जीते। वहीं, दूसरा हाफ जो कि इस साल वर्ल्ड कप के महीनों में खेला गया उन मैचों में 77% मैच टारगेट चेज करने वाली टीम जीती। वहीं, अबू धाबी और शारजाह में 18 में से 15 मैच चेज करने वाली टीमों ने जीते हैं।
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