वॉशिंगटन: कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant of Coronavirus) ब्रिटेन के बाद अमेरिका (America) के लिए भी खतरा बन गया है. शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची (Anthony Fauci) ने चेतावनी दी है कि ये वैरिएंट अमेरिका के कोरोना से बचाव को लेकर किए गए प्रयासों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है. अन्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि यदि कोरोना का ये रूप ऐसे ही फैलता रहा तो साल के आखिर में एक बार फिर से अमेरिका को महामारी के बढ़ते मामलों का सामना करना पड़ेगा.
Britain जैसे हालात बन रहे
व्हाइट हाउस (White House) में हुई प्रेस ब्रीफिंग में एंथनी फाउची (Anthony Fauci) ने बताया कि अमेरिका में आने वाले 20 फीसदी से अधिक नए मामलों में डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की वजह से ही तेजी आई है. जबकि दो सप्ताह पहले तक ये करीब 10 प्रतिशत मामलों में ही सामने आ रहा था. उन्होंने कहा कि जिस तरह के हालात ब्रिटेन में हैं, वैसे ही हालात यहां भी दिखाई देने शुरू हो गए हैं. इसलिए हमें अलर्ट होने की जरूरत है.
Vaccine के इस्तेमाल पर जोर
वर्चुअल तरीके से हुई प्रेस कांफ्रेंस में एंथनी फाउची ने कहा, ‘इस बीच एक अच्छी खबर ये है कि अमेरिका की बनाई कोरोना वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर भी कारगर है. इसका निष्कर्ष ये है कि अमेरिका को जहां इस वैरिएंट से खतरा है वहीं हमारे पास इसको रोकने का एक कारगर हथियार भी है. इसलिए इस वैरिएंट को खत्म करने के लिए इसका पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिए’. गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट पूरे ब्रिटेन पर शिकंजा कस चुका है और उसने अपने पहले के अल्फा वैरिएंट की जगह ले ली है.
सबसे खतरनाक है Delta Variant
डेल्टा वैरिएंट का सबसे पहला मामला भारत में ही सामने आया था. इसके बाद दुनिया के करीब 60 से अधिक देशों ने इसके मामले मिलने की पुष्टि की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस वैरिएंट को पहले ही ‘वेरिएबल ऑफ कंसर्न’ मतलब खतरनाक या घातक मान चुका है. डॉक्टर फाउची का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट धीरे-धीरे ब्रिटेन में भी पांव पसार रहा है. ब्रिटेन में सामने आने वाले अल्फा वैरिएंट को भी डब्ल्यूएचओ ने इसी सूची में शामिल किया है, लेकिन अल्फा से भी घातक डेल्टा को माना गया है.
तेजी से फैल रहा है Infection
एंथनी फाउची ने कहा कि यदि अमेरिका के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां पर डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. 8 मई के आसपास ये जहां 1.2 से 2.7 और 9.9 फीसदी था वहीं दो दिन में ही ये बढ़कर 20.6 तक पहुंच गया. इसलिए इस वैरिएंट से अमेरिका को सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये महामारी में मिली अब तक की सफलता को नुकसान पहुंचा सकता है.
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