नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में अप्रैल और मई में गर्मी सबसे ज्यादा पड़ती है. इसके बाद मई के आखिरी सप्ताह में लू चलने के कारण मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगती है. लेकिन इस बार अभी तक अप्रैल में वैसी गर्मी नहीं पड़ी है, जैसी पड़नी चाहिए. इस सीजन में अभी तक राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है.
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार प्रदेश में अप्रैल में गर्मी इसलिए नहीं पड़ी, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा था और कई जिलों में बारिश भी हुई थी. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक आगामी दो से तीन दिनों तक प्रदेश का मौसम इसी तरह बना रहेगा. इसके बाद मौसम अपना रुख बदलेगा और भयंकर गर्मी पड़ेगी.
मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण प्रदेश में हल्के बादल छाए हुए हैं. शहर में शनिवार को दोपहर तक उत्तर-पश्चिमी हवाएं भी चलीं थीं. वहीं, दोपहर के बाद हवा का रूख पश्चिमी हो गया था. ऐसे में 21 अप्रैल तक मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना है.
वहीं, मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष उत्तर भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ के आने का सिलसिला बना हुआ है. इस वजह से प्रदेश में बादल छाने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बारिश होने के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है.
इसके अलावा इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में भी बना हुआ है. साथ ही एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के 19 अप्रैल को उत्तर भारत में प्रवेश करने की संभावना है. जिसकी वजह से अभी प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. हालांकि ये स्थितियां 21 अप्रैल के बाद खत्म हो जाएंगी. इसके बाद न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी.
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