ठाणे: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ने की संभावना तलाश रही है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह बात कही. पटोले ने कहा कि राज्य की महा विकास आघाड़ी सरकार के सहयोगी के तौर पर कांग्रेस के सत्ता में होने बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो पा रहे हैं. उनके इस बयान के गहरे राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
ठाणे जिले के भिवंडी शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए पटोले ने कहा कि पार्टी छोड़ राकांपा में जाने वाले 18 पार्षदों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा और पार्षद के तौर पर उनकी सदस्यता रद्द कराई जाएगी.’
100 करोड़ की वसूली के आरोपों के बाद बढ़ा तनाव?
दरअसल महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया. इस मामले में उद्धव ठाकरे की सरकार पूरी तरह से घिर गई. सरकार की छवि धूमिल हुई है. कांग्रेस पार्टी तभी से इस गठबंधन के साथ खुद को असहज पा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं के बयान साफ-साफ इशारा कर रहे हैं कि वो इस सरकार में खुद को सहज नहीं पा रहे हैं.
महाराष्ट्र में है कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार
महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी तीनों पार्टियां मिलकर सरकार चला रही हैं. मुख्यमंत्री शिवसेना का है, तो उप मुख्यमंत्री पद पर एनसीपी का कब्जा है. वहीं, गृह मंत्रालय भी एनसीपी के पास है. हालांकि कई अहम मंत्रालय कांग्रेस के भी पास है. अब तक ये पार्टियां महाराष्ट्र की राजनीति में चिर-प्रतिद्वंद्वी रहा करती थीं. लेकिन पिछले चुनाव में शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन की जीत के बाद भी शिवसेना और बीजेपी अलग हो गईं. जिसके बाद तीनों पार्टियों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनाई.
facebook - जनसम्पर्क
facebook - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
twitter - जनसम्पर्क
twitter - जनसम्पर्क - संयुक्त संचालक
जिला प्रशासन इंदौर और शासन की दैनंदिन गतिविधियों और अपडेट के लिए फ़ॉलो करें