भोपाल: शिवराज कैबिनेट ने मध्य प्रदेश में 6000 से अधिक अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्तावित बिल को मंजूरी दे दी है. मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले यह शिवराज सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. शिवराज सरकार इस विधयेक को अध्यादेश के जरिए लागू करेगी. इसके बाद अवैध कॉलोनी की कट ऑफ डेट, नियमितिकरण योग्य कॉलोनी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कॉलाेनाइजर और रहवासियों से कितनी राशि ली जाएगी संबंधी नियम बनाए जाएंगे.
विधेयक में यह भी तय किया गया है कि जिन मकानों में नक्शे से अधिक निर्माण किया गया है, उनसे 20% अधिक निर्माण की कंपाउंडिंग यानी समझौता शुल्क लेकर मामले को सेटल किया जाएगा. इससे अधिक निर्माण को तोड़ा जाएगा. अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण होने से इनमें रहने वाले लोग बैंक लोन के लिए पात्र हो जाएंगे. नगर निगम के अंडर में कॉलोनी आ जाएगी जिससे सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने लगेगी. नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को इस फैसले का फायदा भी लेना चाहेगी.
मध्य प्रदेश में करीब 6876 अवैध कॉलोनियां हैं
मध्य प्रदेश में करीब 6876 अवैध कॉलोनियां हैं. ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर में ऐसी कॉलोनियां सबसे ज्यादा हैं. आपको बता दें कि शिवराज सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में घोषणा की थी कि अवैध कॉलाेनियों को वैध करने के लिए नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021 लागू किया जाएगा. लेकिन कोरोना के चलते बजट सत्र निर्धारित समय से 10 दिन पहले स्थगित हो गया, इस कारण सरकार इस विधेयक को सदन में पेश नहीं कर पाई थी.
नियमितिकरण नियम भी दुरुस्त करेगी सरकार
शिवराज कैबिनेट में हुए निर्णय के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बिना अनुमति निर्माण करने पर काॅलोनाइजर अथवा बिल्डर के खिलाफ 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान होगा. इससे पहले भी नियमों में परिवर्तन कर राज्य सरकार ने कुछ अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण किया था, लेकिन ग्वालियर हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी. अब सरकार अध्यादेश के जरिए नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021 लागू करेगी और नियमितिकरण से संबंधित नियम भी दुरुस्त करेगी.
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