नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) को यह अच्छे से समझ आ गया है कि भारत (India) के साथ बैर रखकर उसे केवल नुकसान ही उठाना पड़ेगा, इसलिए वह लगातार बेहतर संबंधों की बात कर रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के बाद अब पाक उच्चायोग के वरिष्ठ राजनयिक आफताब हसन खान (Aftab Hasan Khan) ने भारत से रिश्ते सुधारने की इच्छा दर्शाई है. आफताब ने कहा है कि हम भारत के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं. दोनों देशों को सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए.
‘War के बारे में सोचना छोड़ें’
पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान दिवस समारोह के मौके पर मिशन के प्रमुख आफताब हसन खान ने कहा कि दोनों देशों को युद्ध के बारे में सोचने के बजाए अपने देश की गरीबी और अशिक्षा मिटाने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है और यह शांति होने पर ही संभव है. हमें तकरार के बजाए मिल बैठककर सभी मुद्दों को हल करना चाहिए.
Kashmir राग छेड़ना नहीं भूले
हालांकि, आफताब हसन खान कश्मीर (Kashmir) राग छेड़ने से भी बाज नहीं आए. उन्होंने कहा, ‘सतत शांति और स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि हम बातचीत से सभी द्विपक्षीय मुद्दों को हल करें. खासकर, जम्मू-कश्मीर के मुख्य मुद्दे को, जो बेहद जरूरी भी है और पिछले 70 सालों से लंबित है’. पाकिस्तानी राजनयिक का यह बयान दर्शाता है कि इमरान खान सरकार भारत से बेहतर रिश्ते रखते को आतुर है. इससे पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तानी नेता इस विषय में बयान दे चुके हैं.
नरम पड़ गए हैं Pakistan के तेवर
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के तेवर में नरमी देखने को मिली है. इस नरमी को किसी बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के सैन्य प्रमुखों ने 2003 के संघर्षविराम समझौते की बहाली की घोषणा कर सबको चौंका दिया था. इसके अलावा इमरान खान के श्रीलंका दौरे के लिए भारत ने अपना वायु क्षेत्र खोला था और इमरान के कोरोना संक्रमित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की है, जो दर्शाता है कि दोनों देश रिश्ते सुधारने की तरफ बढ़ रहे हैं.
UAE कर रहा है मध्यस्थता?
वहीं, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच इन दिनों बहुत कुछ चल रहा है और आने वाले दिनों में कुछ बड़े कदमों की घोषणा हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के संबंधों को पटरी पर लाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा है. दोनों देशों के बीच कारोबार पहले की तरह शुरू हो सकता है. बता दें कि फरवरी माह में विदेश मंत्री एस जयशंकर यूएई की यात्रा पर गए थे. माना जा रहा है कि उस दौरान पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने पर भी बातचीत हुई थी.
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