नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar) की मौत से जुड़े मामले में खुद को बरी किए जाने का अनुरोध किया है. थरूर ने मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली की एक अदालत (Court) में कहा कि मौजूदा साक्ष्य दर्शाते हैं कि सुनंदा की मौत न आत्महत्या थी और न ही हत्या. कांग्रेस नेता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा (Vikas Pahwa) ने कहा कि एक भी गवाह ने उनके मुवक्किल के खिलाफ दहेज उत्पीड़न या निर्दयता का आरोप नहीं लगाया है. इसलिए उन्हें बरी किया जाना चाहिए. बता दें कि सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं.
अब 26 March को होगी सुनवाई
इस मामले में आरोप तय करने के लिए दलीलें पेश किए जाने के दौरान शशि थरूर के वकील ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल से कहा कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 26 मार्च की तारीख तय की है. विकास पाहवा ने कहा कि पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट से कथित रूप से यह स्थापित होता है कि यह न आत्महत्या थी और न ही हत्या. इसलिए शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने का कोई आधार नहीं है.
इन धाराओं में दर्ज है Case
पाहवा ने पहले कहा था कि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 498A या 306 के तहत दंडनीय अपराध को साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि सुनंदा पुष्कर की मौत को आकस्मिक माना जाना चाहिए. गौरतलब है कि आपको शशि थरूर पर IPC की धारा 498A और 306 के तहत आरोप लगाए गए हैं, लेकिन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था. उन्हें 5 जुलाई, 2018 को जमानत दी गई थी.
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