कोलकाता: बंगाल में चुनावी बयार पूरे जोर से बह रही है. इसी महीने वोटिंग शुरू हो जाएगी लिहाजा साम-दाम-दंड-भेद से वोट जुटाने की पूरी कोशिश हो रही है. इसी कड़ी में सुरीले गीतों का तड़का भी लग रहा है और बंगाली वर्जन में उनकी पैरोडी भी तैयार की जा रही है. लोकतंत्र के महापर्व में कुल मिलाकर चुनावी लड़ाई बड़ी दिलचस्प होती जा रही है.
प्रचार में गानों की पैरोडी का सहारा
बंगाल के विधानसभा चुनाव में वोटिंग की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे चुनाव प्रचार और तेज होता जा रहा है. जनसंपर्क, चुनावी रैलियों के अलावा मतदाताओं को अपनी तरफ झुकाने के लिए मशहूर गानों की पैरोडी का सहारा भी लिया जा रहा है.
टीएमसी का ‘खेला होबे’
माना जा रहा है कि इस बार बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और टीएमसी की कड़ी टक्कर है. दोनों पार्टी एक दूसरे को सीधे निशाने पर ले रही हैं. इसी बीच टीएमसी ने एक वीडियो सॉन्ग जारी किया था जिसमें बीजेपी पर हमला किया था. टीएमसी का ‘खेला होबे’ प्रचार गीत काफी वायरल हुआ.
बीजेपी का ‘पिशी जाओ’
टीएमसी के खेला होबे के जवाब में बीजेपी ने भी पैरोडी का सहारा लिया और पिशी जाओ लॉन्च कर दिया. ये गीत इटली के मशहूर गीत ‘बेला सियाओ’ की तर्ज पर तैयार किया गया है. इस गीत के जरिए बीजेपी ने सीएम ममता बनर्जी से सत्ता छोड़ने की बात कही है.
लेफ्ट का ‘हाल फेरो लाल फेराओ’
फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के मशहूर गीत लुंगी डांस की तर्ज पर लेफ्ट ने भी पैरोडी तैयार की है. करीब 3 मिनट के वीडियो सॉन्ग ‘हाल फेरो लाल फेराओ’ में ममता बनर्जी सरकार की दौरान सामने आए कोयला खदान से कोयला चोरी, सारदा घोटाले, कट मनी जैसे मुद्दों को उठाया गया है. इसी गीत में बीजेपी को भी निशाने पर लिया गया है. निजीकरण और तेल की बढ़ती कीमतों के लिए बीजेपी से भी सवाल किए हैं. बंगाल के चुनाव प्रचार में लेफ्ट ने पहले ‘टुम्पा सोना’ के बाद ‘हाल फेरो लाल फेराओ’ को रिलीज कर दिया है.
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