लिफ्ट में फंसे थे CM शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ, घटना के बाद चौकन्नी हुई सरकार, दिए ये निर्देश

भोपालः दो दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) इंदौर (indore) के निजी अस्पताल की लिफ्ट में फंस गए थे. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भी कुछ दिनों पहले राजधानी भोपाल (bhopal) में मंत्रालय की एक लिफ्ट में फंस गए थे. ऐसे में अब शिवराज सरकार इस मुद्दे पर सख्त नजर आ रही है. सरकार की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया है कि प्रदेश भर के सभी सरकारी और निजी भवनों में लगी लिफ्टों की जांच कराई जाएगी. इसके लिए परियोजना संचालन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अखिलेश अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो लिफ्टों की जांच करेगी.

इंदौर में गिरी थी अस्पताल की लिफ्ट
दरअसल, दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इंदौर के निजी अस्पताल की लिफ्ट गिरने से बाल-बाल बचे थे. हादसा उस वक्त हुआ जब वे अस्पताल में एडमिट पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल से मिलने जा रहे थे. लिफ्ट में सवार होते ही एक झटका लगा और लिफ्ट नीचे गिर गई. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) और जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) समेत अन्य नेता भी लिफ्ट में सवार थे. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुई. हादसे के बाद अचानक अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया. लिफ्ट के इंजीनियर को भी बुलाया गया. काफी मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. बताया जा रहा है कि ओवरलोडिंग के चलते लिफ्ट गिरी है. इसके बाद पूर्व सीएम कमलनाथ सीढ़ियों के सहारे अस्पताल की तीसरी मंजिल पर गए थे. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना था.

मंत्रालय की लिफ्ट में फंस गए थे सीएम शिवराज
इसी तरह का हादसा मुख्यमंत्री के शिवराज सिंह चौहान के साथ भी हो चुका है. मामला 1 फरवरी की दोपहर का है, सीएम शिवराज वह एनेक्सी में वीआईपी लिफ्ट से पांचवें फ्लोर के लिए जा रहे थे, तभी बीच में लिफ्ट बंद हो गई. वीआईपी लिफ्ट के खराब होने से मुख्यमंत्री शिवराज चौहान नाराजगी जाहिर की थी. मेंटेनेंस में लापरवाही के कारण राजधानी परियोजना के दो इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

इन दोनों घटनाओं को बाद ही शिवराज सरकार ने निर्देश दिए हैं प्रदेश के सभी निजी और सरकारी भवनों में लगी लिफ्टों की जांच कराई जाए. ताकि आगे इस तरह की घटना न हो. इस काम के लिए पीआईयू के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अखिलेश अग्रवाल की अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई गई है. उसमें सरकारी अधिकारियों के साथ बिल्डरों की संस्था केडाई एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी समिति का सदस्य बनाया गया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि जिन भवनों का निर्माणकार्य चल रहा है, उनमे लगने वाली लिफ्टों की भी अच्छे से जांच की जाए.


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