नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन (China) के साथ समझौते के बाद बीजिंग और भारत (India) की सेनाएं इस इलाके में सैनिकों की संख्या को लगातार कम (India China Disengagement) कर रही हैं. दोनों सेनाएं अपने बख्तरबंद वाहनों को पीछे ले जा रही हैं. सेना (Indian Army) के सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही.
युद्धक टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को हटाने का काम शुरू
सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग सो झील (Pangong Lake) के दक्षिण किनारे से भारतीय युद्धक टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को हटाया जा रहा है. वहीं झील के उत्तरी किनारों से चीन (China) भी अपने जवानों को वापस बुला रहा है. सूत्रों ने बताया कि बख्तरबंद वाहनों की वापसी का काम लगभग पूरा हो गया है. अब दोनों पक्षों की ओर से बनाए गए अस्थाई ढांचों को अगले कुछ दिन में गिरा दिया जाएगा.
एक साथ सत्यापन कर रहे हैं दोनों देशों के सैन्य अधिकारी
सूत्रों ने कहा कि पीछे हटने की प्रक्रिया में वक्त लगेगा. फिलहाल दोनों ही पक्ष सैनिकों और सैन्य वाहनों को वापस बुलाने की सत्यापन प्रक्रिया एक साथ कर रहे हैं. पहले चरण में जवानों और बख्तरबंद वाहनों की वापसी केवल टकराव वाले स्थानों से ही हो रही है, जहां पर दोनों ओर के जवान बिलकुल आमने-सामने थे.
चीन से बातचीत में भारत ने कुछ नहीं खोया- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है. उन्होंने दावा किया कि भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है. राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि पैंगोंग झील (Pangong Lake) क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे .
9 महीने तक चले सैन्य गतिरोध के बाद मिली सफलता
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर नौ महीने तक गतिरोध जारी रहने के बाद यह सफलता मिली है. सिंह ने कहा, ‘चीन (China) अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी किनारे में फिंगर 8 के पूर्व की की तरफ रखेगा. इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी.’
चीन ने फिंगर 4 से 8 के बीच बना लिए थे पक्के बंकर
बता दें कि चीनी सेना ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच के क्षेत्रों में बंकरों समेत कई प्रकार के पक्के निर्माण कर लिए थे. साथ ही फिंगर-4 से आगे के इलाकों में भारतीय सेना को गश्त करने से रोक दिया था. भारतीय सेना ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. चीन (China) के साथ नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच चीनी सेनाओं को हटाए जाने पर जोर दिया.
अन्य लंबित मुद्दों को बाद की वार्ताओं में उठाया जाएगा
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगोंग झील (Pangong Lake) से पूर्ण तरीके से सेनाओं के पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत हो तथा बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए.’ रक्षा मंत्री ने कहा कि समझौते पर बुधवार से अमल शुरू कर दिया गया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अन्य लंबित समस्याओं को अगली वार्ताओं में उठाया जाएगा.
युद्धक टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को हटाने का काम शुरू
सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग सो झील (Pangong Lake) के दक्षिण किनारे से भारतीय युद्धक टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को हटाया जा रहा है. वहीं झील के उत्तरी किनारों से चीन (China) भी अपने जवानों को वापस बुला रहा है. सूत्रों ने बताया कि बख्तरबंद वाहनों की वापसी का काम लगभग पूरा हो गया है. अब दोनों पक्षों की ओर से बनाए गए अस्थाई ढांचों को अगले कुछ दिन में गिरा दिया जाएगा.
एक साथ सत्यापन कर रहे हैं दोनों देशों के सैन्य अधिकारी
सूत्रों ने कहा कि पीछे हटने की प्रक्रिया में वक्त लगेगा. फिलहाल दोनों ही पक्ष सैनिकों और सैन्य वाहनों को वापस बुलाने की सत्यापन प्रक्रिया एक साथ कर रहे हैं. पहले चरण में जवानों और बख्तरबंद वाहनों की वापसी केवल टकराव वाले स्थानों से ही हो रही है, जहां पर दोनों ओर के जवान बिलकुल आमने-सामने थे.
चीन से बातचीत में भारत ने कुछ नहीं खोया- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है. उन्होंने दावा किया कि भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है. राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि पैंगोंग झील (Pangong Lake) क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे .
9 महीने तक चले सैन्य गतिरोध के बाद मिली सफलता
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर नौ महीने तक गतिरोध जारी रहने के बाद यह सफलता मिली है. सिंह ने कहा, ‘चीन (China) अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी किनारे में फिंगर 8 के पूर्व की की तरफ रखेगा. इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी.’
चीन ने फिंगर 4 से 8 के बीच बना लिए थे पक्के बंकर
बता दें कि चीनी सेना ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच के क्षेत्रों में बंकरों समेत कई प्रकार के पक्के निर्माण कर लिए थे. साथ ही फिंगर-4 से आगे के इलाकों में भारतीय सेना को गश्त करने से रोक दिया था. भारतीय सेना ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. चीन (China) के साथ नौ दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच चीनी सेनाओं को हटाए जाने पर जोर दिया.
अन्य लंबित मुद्दों को बाद की वार्ताओं में उठाया जाएगा
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगोंग झील (Pangong Lake) से पूर्ण तरीके से सेनाओं के पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर वरिष्ठ कमांडर स्तर की बातचीत हो तथा बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए.’ रक्षा मंत्री ने कहा कि समझौते पर बुधवार से अमल शुरू कर दिया गया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अन्य लंबित समस्याओं को अगली वार्ताओं में उठाया जाएगा.
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