भोपाल/ मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के 1033 गांवों को स्मार्ट बनाने की तैयारी कर ली है. सरकार हर गांव पर 20 लाख रुपये खर्च कर उन्हें ग्राम विकास योजना के तहत आदर्श बनाएगी. योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा निश्चित राशि राज्य सरकार को दी जा चुकी है. इन गांवों को आदर्श बनाने के लिए 31 मार्च 2022 तक का लक्ष्य रखा गया.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से मिले 159.72 करोड़ रुपए
प्रदेश सरकार ने 1033 अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों में से 994 गावों के विकास के लिए ग्राम विकास योजना तैयार की. इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने राज्य सरकार को 159.72 करोड़ रुपये दिए. इन चयनित (994) गांवों में कन्वर्जेंस के माध्यम से सरकार की विभिन्न विकास विभागों की योजनाओं को शामिल किया जाएगा, जिससे कि गांवों का समुचित रूप से विकास हो सके.
प्रदेश सरकार ने गांवों कों दिए 32 करोड़ रुपए
सरकार इन गांवों के विकास के लिए ऐसे सिस्टम का उपयोग कर रही है जो अब तक इस्तेमाल नहीं हुआ. इन गांवों में प्रमुख रूप से आंतरिक सड़क निर्माण, नाली निर्माण, स्ट्रीट-लाइट, आंगनबाड़ी भवन, शाला भवन, पेयजल सुविधा जैसे बुनियादी काम प्राथमिकता के साथ होने भी लगे. प्रदेश के चयनित गांवों के विकास के लिए 159 करोड़ में से 32 करोड़ रुपए की राशि ग्रामीण प्रशासन को दी जा चुकी है, जिसे मिलते ही ग्रामीण प्रशासन लक्ष्य पूरा करने में जुट गए.
हर गांव पर खर्च होंगे 20 लाख रुपए
इस योजना में देशभर में जितना काम हुआ, उसका 24 प्रतिशत काम मध्यप्रदेश में ही पूरा किया गया. प्रदेश में योजना का क्रियान्वयन अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी है. योजना को 31 मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य लिए प्रत्येक गांव पर 20 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.
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