जकार्ता: इंडोनेशिया (Indonesia) के सुलावेसी द्वीप (Sulawesi) में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिनमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इंडोनेशिया की आपदा न्यूनीकरण एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 रही. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है.
सूनामी को लेकर चेतावनी नहीं
भूकंप (Earthquake) का केंद्र मजाने शहर (Majene) से 6 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में बताया जा रहा है. भूकंप के झटके करीब 7 सकेंड तक महसूस किए गए, लेकिन भूकंप के बाद सूनामी की चेतावनी नहीं दी गई है. इससे पहले गुरुवार को भी देश के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
2004 में आया था भीषण भूकंप
इससे पहले भी इंडोनेशिया में साल 2004 और 2018 में भीषण भूकंप आया था. 2018 में 7.5 की तीव्रता का भूकंप सुलावेसी द्वीप के पास आया था, जिसमें करीब 4300 लोगों की मौत हुई थी. वहीं इंडोनेशिया में 26 दिसंबर 2004 को आए भूकंप की तीव्रता 9.1 रही थी और उस दौरान 2.22 लाख लोगों की मौत हो गई थी.
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
2 से 2.9 हल्का कंपन.
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर.
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है.
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है.
9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी.
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