भारत बायोटेक ने टीके की मंजूरी की आलोचना खारिज की, सरकार को प्रति टीका 300 रुपये से कम खर्च आएगा

नई दिल्लीः हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी (Bharat Biotech) ने कोविड-19 के टीके (covid-19 vaccine) को भारत के औषधि नियामक द्वारा आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने की आलोचनाओं को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि इसका सुरक्षित एवं प्रभावी टीका उत्पादन का रिकॉर्ड रहा है और इसके सभी डाटा पारदर्शी हैं. कोवैक्सीन (covaxin) की मंजूरी पर उद्योग के विशेषज्ञों और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए हैं और तीसरे चरण के परीक्षण डाटा मौजूद नहीं होने पर चिंता जताई है, जिस पर भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा ‘200 प्रतिशत ईमानदारी के साथ क्लीनिकल ट्रायल किये गए’ फिर भी ‘आलोचना’ की जा रही है.

मेडिकल जरूरतों को पूरा करती है Covaxin
उन्होंने कहा कि पर्याप्त डाटा का पहले ही खुलासा कर दिया गया है और लोगों के लिए यह ऑनलाइन मौजूद है. उन्होंने सुझाव दिए कि टीके को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है कि यह एक भारतीय कंपनी का उत्पाद है. उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन मेडिकल जरूरतों को पूरा करती है और इसने शानदार सुरक्षा डाटा सृजित किया है और इसकी रोग प्रतिरोधी क्षमता ठोस है. इल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण की प्रभाविता संबंधी डाटा मार्च तक उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम 200 फीसदी ईमानदारी से क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमारी आलोचना हो रही है.’’ उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से कमतर नहीं है.

जीका और चिकनगुनिया के वैक्सीन का पता करने वाली है पहली कंपनी है Bharat Biotech
इल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण तक की प्रभावकारिता के आंकड़े मार्च के अंत तक उपलब्ध हो जाएंगे. अभी तीसरे चरण की प्रभावकारिता के बारे में कोई विश्लेषण नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें ‘‘घटिया’’ बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का डाटा पारदर्शी नहीं है और उन्होंने कंपनी के प्रकाशनों की संख्या गिनाई. उन्होंने कहा कि आपातकालीन उपयोग की मंजूरी भारत सरकार के 2019 के नियमों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक ने सबसे पहले जीका वायरस का पता लगाया था. जीका और चिकनगुनिया के टीकों के लिए वैश्विक पेटेंट दायर करने वाली यह पहली कंपनी है.


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