नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पिछले 9 महीने से जारी चीन (China) की चालबाजी के बाद भारत अब उसके खिलाफ सारी हिचक त्याग कर एक के बाद एक कड़े कदम उठा रहा है. चीन को बड़ा मेसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर (SCS) में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम (Vietnam) के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है.
भारत- वियतनाम करेंगे नौसेना Passage Drill
भारतीय नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर (SCS) में वियतनामी नौसेना के साथ ‘संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास’ (Passage Drill) होगा. इसका मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है. अफसरों के अनुसार भारतीय नौसेना का पोत ‘आईएनएस किल्टन’ (INS Kilton) मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया है. लौटते समय यह इस अभ्यास में शामिल होगा.
INS Kilton 15 टन सामग्री लेकर वियतनाम पहुंचा
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आईएनएस किल्टन 15 टन से ज्यादा राहत सामग्री लेकर गुरुवार को वियतनाम (Vietnam) के हो ची मिन्ह शहर के ‘ना रंग’ बंदरगाह पहुंचा. वहां से रवाना होने के बाद पोत 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास में हिस्सा लेगा.
SCS में अपनी सैन्य अनुपस्थिति बढ़ा रहा है चीन
जानकारों के मुताबिक यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन (China) दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है. उसने SCS में कई कृत्रिम द्वीप बनाकर वहां पर अपने लड़ाकू जेट और मिसाइलें भी तैनात कर दी हैं. जिसके चलते दुनिया भर में उसके इरादों को लेकर चिंता और आलोचना बढ़ती जा रही है.
चीन से निपटने के लिए दोनों देश बढ़ा रहे हैं संबंध
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वियतनामी (Vietnam) समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच सोमवार को डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था. इसके साथ ही दोनो देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को भी गहरा करने का संकल्प लिया गया था.
SCS में चीन का बड़ा प्रतिद्वंदी है वियतनाम
रक्षा एक्सपर्टों के मुताबिक दक्षिण चीन सागर (SCS) में वियतनाम (Vietnam) एक अकेला ऐसा साहसी देश है, जो चीन (China) की धौंस में नहीं आता. उसका चीन के साथ 1979 में युद्ध भी हो चुका है. जिसमें चीन के 26 हजार सैनिक मारे गए थे और उसके बाद से चीन ने उस पर हमले की हिम्मत नही दिखाई है.
मिसाइलों के दम पर SCS पर कब्जा चाहता है चीन
हालांकि चीन (China) अब अपनी मिसाइलों और एयर-नेवी के दम पर वियतनाम के द्वीपों पर कब्जे की फिराक में लगा है. जिसके बाद से वियतनाम अपनी सुरक्षा के लिए भारत और अमेरिका से रक्षा सहयोग गहरा कर रहा है. वहीं भारत भी चीन-पाकिस्तान के एंगल को काटने के लिए खुलकर वियतनाम के साथ अपने संबंध बढ़ाने में जुटा है.
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