वॉशिंगटन: कोरोना से जंग में अमेरिका ने मॉर्डना (Moderna) की COVID-19 वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इससे पहले अमेरिका Pfizer वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे चुका है. यानी अब कोरोना से मुकाबले के लिए अमेरिका के पास दो विकल्प हो गए हैं. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिलने के बाद Moderna ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से टीकाकरण का काम शुरू किया जा सकता है.
Risk कम करने में कारगर
Moderna ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘कोरोना वायरस (CoronaVirus) की रोकथाम के लिए हमें FDA से वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी’. FDA के एक पैनल ने कहा कि वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में कोरोना के जोखिम को कम करने में कारगर है. बता दें कि इसी पैनल ने फाइजर और जर्मन पार्टनर BioNTech की वैक्सीन को हरी झंडी दी थी.
America में बहुत बुरे हैं हाल
Moderna वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने से उम्मीद है कि कोरोना से निपटने में अमेरिका (America) के प्रदर्शन में सुधार होगा. यूएस में अब तक तीन लाख लोग कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. यहां कोरोना के प्रकोप का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत बुधवार को संक्रमण के चलते 3,580 लोगों की मौत हुई थी.
Trump ने पहले ही किया था ऐलान
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ट्वीट कर ऐलान किया था कि Moderna की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इसे बांटने का काम किया जाएगा. गौरतलब है कि अमेरिकी कंपनी Modified RNA यानी Moderna उन कंपनियों में से एक है, जिसने सबसे पहले Corona Vaccine बनाने का दावा किया था. मॉर्डना ने मार्च में ही अपनी वैक्सीन mRNA-1273 के ट्रायल की इजाजत मागी थी.
94.1 फीसदी रहा है Success Rate
Moderna ने जुलाई में अपना दूसरा ट्रायल शुरू किया और तीसरे ट्रायल को खत्म करने के बाद 30 नवंबर को अमेरिका के FDA से इस्तेमाल की इजाजत मांगी, जो अब मिल गई है. कंपनी का दावा है कि ट्रायल में उसकी सफलता दर 94.1 फीसदी रही है. इस वैक्सीन के ट्रायल में करीब 30 हजार लोगों को डोज दी गई थी. हालांकि वैक्सीन लगने के बाद लोगों में बुखार, सिरदर्द और थकान जैसे कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिले थे, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे खतरनाक नहीं माना.
सबसे बड़ा टीकाकरण
अमेरिका में सोमवार से फायजर की कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया गया है. अमेरिकी सरकार ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है. ये वैक्सीन सबसे पहले अमेरिकी स्वास्थ्यकर्मियों को दी जा रही है. अमेरिका में कोरोना के बेकाबू होने की एक बड़ी वजह रही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वायरस को कमतर आंकना. ट्रंप शुरुआत से ही कड़े उपायों के खिलाफ थे और कई मौकों पर खुद नियमों का उल्लंघन करते पाए गए. राष्ट्रपति चुनाव में उनकी हार का एक कारण ये भी रहा.
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