गोल्ड बेचने से पहले जान लें कितना लगता है टैक्स, नहीं तो हो सकती है मुश्किल

नई दिल्ली: गोल्ड ज्वेलरी को लेकर भारतीय परिवार काफी भावुक रहते हैं. ज्यादातर लोगों को गोल्ड ज्वेलरी अपने मां-बाप और उनको विरासत में मिला होता है. खून के रिश्तों में अगर कोई गोल्ड गिफ्ट करता है तो उस पर आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता, लेकिन अगर आप उसी गोल्ड को बेचने जाएंगे तो आपको टैक्स देना पड़ता है.

कोरोना संकट के समय कई लोगों ने इसी गोल्ड को बेचकर गुजारा किया है. कई लोगों ने सोना जब 56000 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा तो बेचकर मोटा मुनाफा भी कमाया है. ऐसे में आपको ये जरूर जानना चाहिए कि अगर आप बाजार में सोना बेचने जाते हैं तो आपको कितना टैक्स चुकाना पड़ सकता है.

जरूरी है गोल्ड पर टैक्स की जानकारी

टैक्स के नियमों के मुताबिक पहले यह देखा जाता है कि अगर आपको किसी ने गोल्ड गिफ्ट किया है, या फिर विरासत में मिला है तो वो आपके पास कब से है और उस वक्त गोल्ड का भाव क्या चल रहा था. फिर गोल्ड को बेचने पर होने वाले फायदे की गणना की जाती ही, फिर जितना भी फायदा निकलता है उस हिसाब से टैक्स लगाया जाता है.

इसलिए आप भी ये तरीका समझ लें ताकि बाद में टैक्स को लेकर किसी तरह की मुश्किल से नहीं जूझना पड़े. जब आप बाजार में बाजार में गोल्ड ज्वेलरी या गोल्ड बार बेचने जाते हैं तो आप पर दो तरह के टैक्स लगते हैं.

गोल्ड पर दो तरह के टैक्स लगते हैं

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) टैक्स
अगर आप सोना उसकी खरीद के तीन साल के अंदर बेचते हैं तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है. यानी गोल्ड बेचकर आपने जितना भी मुनाफा कमाया है उस पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा. इसमें आप सोने की बेचने वाली वैल्यू में से खरीदने वाली वैल्यू को घटा दें. अब जो अमाउंट आएगा, वह आपका शार्ट टर्म कैपिटल गेन कहलाएगा. इस अमाउंट को आपकी आमदनी में जोड़ा जाएगा. इसके बाद आप इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आएंगे, उसी हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा.

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स
अगर आपने गोल्ड खरीदने के 3 साल बाद उसे बेचा है तो, आपको सोना बेचने पर जो भी मुनाफा हुआ है उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा. सोना बेचने पर हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर 20 परसेंट टैक्स लगता है. LTCG में आपको इेंडेक्सेशन ( indexation) का फायदा मिलता है. इसके तहत आप अपने गोल्ड की बिक्री मूल्य में से गोल्ड की खरीद की इंडेक्स कॉस्ट को घटा देते हैं.

जानिए कैसे निकालेंगे गोल्ड का खरीद का रेट
सोना 1 अप्रैल, 2001 से पहले विरासत में या गिफ्ट में मिला है, तो आप 1 अप्रैल, 2001 तक के सोने के फेयर मार्केट वैल्यू (एफएमवी) या खरीद रेट के हिसाब से इसकी वैल्यू निकाल सकते हैं, अगर 1 अप्रैल, 2001 के बाद आपको विरासत में सोना मिला है, तो आपको खरीद रेट पर ही इसकी गणना करनी होगी.


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