महामारी के दौर में कई कंपनियों ने कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ाई है, लेकिन अगर आप केंद्रीय कर्मचारी (Central Govt. Employees) हैं तो सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है. सरकार कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही है. ये फैसला सरकार कर्मचारियों नहीं बल्कि अपनी भलाई के लिए ले रही है.
सैलरी बढ़ाने से सरकार को पहुंचेगा लाभ
दरअसल, केंद्र सरकार चाहती है कि अर्थव्यवस्था की हालत दुरुस्त की जाए. इसके लिए खपत बढ़ाना बेहद जरूरी है. अब केंद्र सरकार चाहती है कि केंद्रीय कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा पैसा दिए जाएं, ताकि वो बाजार में ज्यादा खर्च कर सकें और खपत बढ़े. वहीं इन चर्चाओं के बीच श्रम मंत्रालय ने महंगाई भत्ते के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को साल 2001 से बदलकर 2016 कर दिया है.
श्रम मंत्रालय द्वारा इस बदलाव का मतलब है कि कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता कैलकुलेट करने के लिए मौजूदा खपत पैटर्न (Cousumption Pattern) और महंगाई दर को ध्यान में रखा जाएगा. पहले चिंता जताई जा रही थी कि पहले के इंडेक्स में समय के साथ बदलाव करने की जरूरत है.
बढ़ सकती है केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी
नये प्राइस इंडेक्स का प्रभाव अगले साल के मध्य से देखने को मिल सकता है. सीधे तौर पर इसका लाभ 45 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भले ही महंगाई भत्ते में कोई इजाफा न हो, लेकिन प्राइस इंडेक्स में मामूली बदलाव से भी उनकी सैलरी बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है.
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