राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले Donald Trump की माइक पोम्पिओ से ठनी? इस वजह से हैं नाराज

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Election) से ठीक पहले क्या डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की अपने दो सबसे विश्वसनीय सहयोगियों से ठन गई है? यह सवाल खड़ा हुआ है ट्रंप के हालिया इंटरव्यू से, जिसमें उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) और अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र (Attorney General William Barr) को लेकर नाराजगी जताई.

ईमेल नहीं खोज पाए
फॉक्स न्यूज (Fox News) के साथ टेलीफोन इंटरव्यू में ट्रंप ने दोनों सहयोगियों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों कैबिनेट सदस्यों को बराक ओबामा (Barack Obama) के कार्यकाल से जुड़ी चिंताओं पर ध्यान देने की जरूरत है. डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा कि माइक पोम्पिओ को 2016 की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) के ईमेल खोजने की कोशिश करनी चाहिए, जो विदेश मंत्री होने के बावजूद हमेशा से प्राइवेट सर्वर के इस्तेमाल के लिए रिपब्लिकन कार्यकर्ताओं के निशाने पर रही थीं.

यह दुखद है
राष्ट्रपति ने कहा, ‘वे ईमेल अभी भी विदेश मंत्रालय में हैं, लेकिन पोम्पिओ उन्हें निकालने में असफल रहे हैं जो कि बेहद दुखद है. मैं इस वजह से उनसे नाखुश हूं, वे विदेश मंत्रालय संभाल रहे हैं, अब तक उन्हें वे ईमेल सामने ला देने चाहिए थे’.

सबसे खास रहे हैं पोम्पिओ
माइक पोम्पिओ डोनाल्ड ट्रंप के सबसे खास सहयोगी रहे हैं, ऐसे में ट्रंप का सार्वजानिक रूप से उनके खिलाफ दर्शाता है कि दोनों के बीच कुछ भी सही नहीं चल रहा है. वहीं, अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र की कार्यप्रणाली से भी ट्रंप नाखुश हैं. ट्रंप काफी समय से यह कहते रहे हैं कि ओबामा प्रशासन ने रूस के नाम पर उन्हें फंसाने की साजिश की थी और इसके दोषियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

उनके पास जानकारी है
ट्रंप ने कहा, ‘सच कहूं तो विलियम बर्र या तो सबसे महान अटॉर्नी जनरल के रूप में पहचाने जाएंगे या फिर एक बहुत दुखद परिस्थिति के रूप में’. डोनाल्ड ट्रंप ने अभियोग चलाए जाने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैं आपसे सच कहूंगा कि बर्र को जो चाहिए, वह सभी जानकारी उनके पास है. गौरतलब है कि ट्रंप ने आरोप लगाया था कि ओबामा प्रशासन ने रूस का हवाला देकर उनके खिलाफ जांच गलत उद्देश्य से बैठाई थी.

जांच में हुआ था खुलासा
मालूम हो कि पूर्व एफबीआई निदेशक रॉबर्ट मूलर ने जांच में पाया था कि रूस ने ट्रंप के चुनावी अभियान को बढ़ावा देने में सहयोग किया था. हालांकि बाद में अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र ने कहा था कि मूलर को इस बात के सबूत नहीं मिले कि ट्रंप या उनके प्रचार अभियान ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए रूस के साथ साजिश रची थी. अब ट्रंप चाहते हैं कि उनका नाम उछालने वाले ओबामा प्रशासन से जुड़े लोगों पर मुकदमा चलाया जाए और इसी को लेकर वह बर्र से खफा हैं.


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