नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण देशभर में लगातार बढ़ता जा रहा है और देश में अब तक 68.35 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं. इस बीच नेशनल कंट्रोल फॉर डिसीज कंट्रोल (National Control for Disease Control) ने एक रिपोर्ट तैयार किया है, जिसमें बताया गया है आगामी सर्दियों और त्योहारी सीजन में रोजना 15 हजार कोरोना केस सामने आ सकते हैं. एनसीडीसी ने दिल्लीवासियों को आगाह किया है और कहा है कि कोविड-19 मामलों की वृद्धि से निपटने के लिए कमर कसने की जरूरत है.
रिपोर्ट में इन तीन कारणों को बताया है वजह
NCDC की रिपोर्ट में दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus in Delhi) के केस बढ़ने के पीछे तीन कारणों की जानकारी दी गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है। (i) सर्दियों में सांस की बीमारियां गंभीर हो जाती हैं; (ii) मरीज बड़ी संख्या में दिल्ली के बाहर से आ सकते हैं; (iii) दूर के क्षेत्रों से आने वाले रोगियों के अधिक गंभीर होने की संभावना है. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारी सीजन में आयोजित होने वाले समारोहों के कारण भी मामलों में अचानक वृद्धि हो सकती है.
दिल्ली सरकार को तैयार रहने की जरूरत
एनसीडीआई द्वारा रिपोर्ट का मसौदा नीति आयोग (NITI Aayog) के चेयरमैन (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की देखरेख में तैयार किया गया है. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि दिल्ली सरकार को कोरोना वायरस के लगभग 15 हजार दैनिक पॉजिटिव वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए.
रिपोर्ट में सरकार को तैयारी करने के सुझाव
रिपोर्ट में कहा गया है, ” सरकार को एम्पावर्ड ग्रुप I (Empowered Group I) की तीसरी रिपोर्ट में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार आईसीयू, गैर-आईसीयू बेड, कोविड केयर आइसोलेशन बेड के सापेक्ष अनुपात में तैयार रखना चाहिए.” इसके अलावा रिपोर्ट में स्वास्थ्य देखभाल में लगे श्रमिकों के बीच संक्रमण की रोकथाम के बारे में भी बात की गई है.
होने चाहिए स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाने के प्रयास
दिल्ली में अब तक कोविड-19 से स्वास्थ्य सेवा (Healthcare Worker) में लगे लगभग 2324 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 23 प्रतिशत डॉक्टर हैं, 34 प्रतिशत नर्स हैं, 15 प्रतिशत पैरामेडिक्स, 18 प्रतिशत ग्रुप डी कर्मचारी हैं और 10 प्रतिशत अन्य हैं. राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कुल 75 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 14 डॉक्टर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य देखभाल में लगे कार्यकर्ता और डॉक्टरों में बढ़ती मृत्यु कोविड योद्धाओं का मनोबल गिरा सकती है, इसलिए सभी अस्पतालों, प्रयोगशालाओं और क्षेत्र के कर्मचारियों के स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.
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