रीवा: जिले में गरीबों के 7727 क्विंटल राशन के हेराफेरी के मामले में अभी तक कोई भी कार्रवाही नहीं हो सकी है. कोरोना काल के दौरान कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों ने पीओएस मशीन में 5448 क्विंटल गेहूं व 1392 क्विंटल चावल आवंटित नहीं होने पर भी पीओएस मशीन में वितरण दिखा कर हेराफेरी कर दी. जिसके चलते जरूरतमंदों को खाद्यान मिल ही नहीं सका इसके लिए जांच कमेटी बनाई गई थी लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ है.
बता दें कि जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 875 क्विंटल चावल में ऑफलाइन और ऑनलाइन वितरण के नाम पर खेल किया गया है. कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारियों ने जिले की 150 राशन दुकानों के सेल्समैनों से साठगांठ कर हेराफेरी की है. रीवा जिले के जवा जनपद के वीरपुर और रिमारी सहित हनुमना, सिरमौर, नईगढ़ी, रायपुर कर्चुलियान सहित कई जगहों पर कोरोना काल और उसके पहले से कई लोगों को खाद्यान नहीं मिला जबकि उनके नाम का खाद्यान आ रहा था. पीड़ितों को इस बात की जानकारी तब लगी जब टीम जांच करने पहुंची. इस तरह का घोटाला रीवा जिले में कई जगहों पर हुआ है. कई जगहों पर तो मृत लोगों के नाम से भी राशन लिया गया है.
कोरोना की वजह से जांच नही हुई
एम.एन.एच. खान खाद्य आपूर्ति अधिकारी का कहना हैं कि तत्कालीन जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक ने जांच कमेटी गठित की थी लगभग तीन माह बीत गए अभी जिम्मेदारों पर जवाबदेही तय नहीं हो सकी है तत्कालीन खाद्य आपूर्ति अधिकारी राजेंद्र सिंह ठाकुर अगस्त माह में कोरोना पॉजिटिव हो गए थे जिनका इलाज के दौरान निधन हो गया था. जिला कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है जल्द ही इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी होगा उसकी जानकारी शासन को दी जाएगी.
करोड़ो का घोटाला
पीडीएस की नई व्यवस्था लागू होने के बाद पात्रता परिवारों की पात्रता परखने की कार्रवाई शुरू की गई. इस बीच हर माह पीओएस मशीन आवंटन शेष बचने लगा जिसे संबंधित क्षेत्र के खाद्य अधिकारियों ने सेल्समैनों से साठगांठ कर स्वयं के पासवर्ड लॉगिन से ऑनलाइन वितरण दिखा दिया. जिससे अगले माह में फिर उतनी ही मात्रा में खाद्यान्न जारी हो गया इस तरह से कई माह तक खेल चला.इस मामले में अभी तक इसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई है. जांच के बाद इस करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हो जाएगा जिन्होंने गरीबों के राशन पर सेंध मारी है.
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