नई दिल्ली: अगर आपने अबतक अपना रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (Revised ITR) या बिलेटेड रिटर्न (Belated ITR) नहीं भरा है तो आपके पास एक और मौका है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसकी डेडलाइन को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया है. पहले ये डेडलाइन 30 सितंबर को खत्म हो चुकी थी. यानी अब वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2018-19 दोनों के लिए ही ITR दाखिल करने की सीमा 30 नवंबर, 2020 हो गई है, हालांकि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए समयसीमा को पहले ही बढ़ा दिया गया था.
चौथी बार बढ़ी बिलेटेड ITR की मोहलत
आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कोरोना को देखते हुए चौथी बार बिलेटेड ITR दाखिल करने की समयसीमा को आगे बढ़ाया है. सामान्य तौर पर इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च होती है. कोरोना को देखते हुए इसकी समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया, फिर 31 जुलाई, 2020 और उसके बाद 30 सितंबर, 2020 किया गया, और अब इसे 30 नवंबर किया गया है.
करोड़ों टैक्सपेयर्स की बढ़ जाती मुश्किलें
अगर 30 सितंबर की समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाया गया होता तो करोड़ों टैक्सपेयर वित्त वर्ष 2018-19 का रिटर्न फाइल करने का मौका गंवा देते. ऐसे टैक्सपेयर्स अपना रिटर्न तभी भर सकते जब उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आता. वित्त वर्ष 2018-19 का ITR सेक्शन 139(4) के तहत बिलेटेड आईटीआर के तौर पर फाइल किया जा सकता है. हालांकि, देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर 10,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी. यदि इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो देर से रिटर्न फाइल करने की 1000 रुपये लेट फाइलिंग फीस वसूली जाएगी.
क्या होता है बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न
अगर आप किसी साल ITR भरना भूल जाते हैं तो बाद में रिटर्न भर सकते हैं. इसे बिलेटेड ITR कहते हैं. पहले इसे भरने के लिए 2 साल का वक्त मिलता था, लेकिन अब इस पर पेनाल्टी लगा दी गई है.
संशोधित या रिवाइज्ड ITR कोई टैक्सपेयर तब फाइल करता है, अगर उससे ओरिजनल टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कोई चूक हो जाती है. इसमें डिडक्शन का क्लेम भूल जाना, इनकम या बैंक अकाउंट इत्यादि को रिपोर्ट न करने जैसी गलतियां शामिल हैं.
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