नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर दिन-ब-दिन बढ़ते तनाव के बीच भारत और चीन ने जल्द ही कोर कमांडर्स के स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई है. हालांकि बैठक की तारीख और समय अभी तय नहीं किया गया है. बता दें कि यह जून के बाद से इस स्तर की यह 6 वीं बैठक होगी. इससे पहले भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल-लेवल या कोर कमांडर्स की 5 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. ये बताचीत 6 जून, 22 जून, 30 जून, 14 जुलाई और 2 अगस्त को हुईं.
इस बीच पिछले 4 महीनों से दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण (India-China Tension) बनी हुई है. हालात ये हैं कि कुछ स्थानों पर तो भारतीय और चीनी सैनिक एक-दूसरे से महज 300 मीटर की दूरी पर हैं.
भारतीय और चीनी ब्रिगेड कमांडर और कमांडिंग ऑफिसर्स ने गुरुवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक 3 घंटे तक बातचीत की. सरकार के एक सूत्र ने बताया कि इस बातचीत का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच ‘कम्युनिकेशन लाइंस को खुला रखना’ है.
वहीं चीनी पक्ष के रवैये को लेकर बात करें तो गुरुवार को उसकी ओर से कोई भी ताजा आक्रामक कार्रवाई नहीं देखी गई. इससे पहले सोमवार और मंगलवार को चीनी सैनिकों ने ‘उकसाऊ’ कार्रवाई की थीं.
भारतीय सेना ने मंगलवार को प्रेस रिलीज में कहा था, ‘पीएलए के सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड फायरिंग की’ और ‘गंभीर उकसावे के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने संयम बरतते हुए परिपक्व और जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया’.
बता दें कि भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 4 पर चीन की मौजूदा स्थिति के करीब कई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है. इससे भारतीय सेना को चीन पर बढ़त हासिल हुई है, क्योंकि पीएलए के सैनिक जब-तब उकसावे वाली कार्रवाई करते रहते हैं.
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