दक्षिण भारत से चली पहली किसान रेल, देश के किसानों को ये होगा फायदा

नई दिल्ली: किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी (narendra modi) ने किसान रेल चलाने का वादा किया था, जो अब हकीकत बन रही है. देश की दूसरी और दक्षिण भारत से पहली किसान रेल (kisan rail) की शुरुआत हो चुकी है. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर (anantpur) से नई दिल्ली की आजादपुर मंडी के लिए ये किसान रेल रवाना की जा चुकी है. इसे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी (Y S Jagan Mohan Reddy) और रेलवे राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी (Suresh Angadi) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने हरी झंडी दिखाई.

किसानों की फल सब्जिया नहीं सड़ेंगी 
मुख्यमंत्री वाई एस जगहनमोहन रेड्डी ने पीएम मोदी की इस पहले के लिए धन्यवाद किया. अनंतपुर से दिल्ली रवाना हुई किसान रेल में 214 टन टमाटर, 138 टन केला, 32 टन संतरा, 11 टन पपीता, 8 टन तरबूज और 3 टन आम लदे हुए थे. 14 पार्सल वैन वाली यह ट्रेन 40 घंटे में 2150 किमी की दूरी तय करेगी, इसमें से नागपुर के लिए 4 वैन लोड और आदर्श नगर के लिए 10 वैन हैं. अभी इस दूरी को सड़क से तय करने में लगभग तीन से चार दिन लगते हैं. ऐसे में फल और सब्जियां खराब हो जाती है.

किसान रेल को अभी हफ्ते में एक  बार चलाने की योजना है, लेकिन अक्टूबर के बाद जैसे ही फसल कटाई में तेजी आएगी उसके मुताबिक जनवरी से मांग के मुताबिक ट्रेन के फेरे में बढ़ोतरी की जा सकती है. 7 अगस्त को पहली किसान रेल महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच शुरू की गई थी. पहले इसे हफ्ते में एक बार ही चलाया जाना था, लेकिन मांग बढ़ने के बाद इसे हफ्ते में दो बार चलाया जा रहा है.

किसानों को मिलेगी फसल की सही कीमत
देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल से बागवानी से जुड़े लोगों को फायदा होगा. उनकी फसल कम समय में बाजार में पहुंच सकेगी. अभी ट्रकों के जरिए होने वाली ढुलाई से किसानों को 25 परसेंट यानि करीब 300 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होता है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, किसान रेल देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सार्थक भूमिका का निर्वाह करेगी. किसान रेल चलने से किसानों की उपज को देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में सहूलियत होगी और किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत भी मिलेगी.’

किसान उड़ान सेवा भी जल्द
अनंतपुरम में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फल और सब्जी पैदा होती है, इसलिए किसान रेल से यहां के किसानों के बेहद फायदा होगा. जिले के 58 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों का 80 परसेंट से ज्यादा राज्य से बाहर बेचा जाता है, खासकर उत्तर भारतीय राज्यों दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा सप्लाई होता है. कृषि मंत्री ने कहा कि, जल्द ही किसान उड़ान सेवा की भी शुरुआत की जाएगी.


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