पूर्व पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ भगोड़ा घोषित, अब परिवार पर कसा शिकंजा

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Pakistani Prime Minister Nawaz Sharif) को विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. ट्रेजरी हाउस मामले की सुनवाई में नवाज के लगातार अनुपस्थित रहने के चलते कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इसके अलावा, नवाज शरीफ परिवार के अन्य प्रमुख सदस्यों पर भी कानूनी घेरा कसने लगा है.

पूर्व पीएम शरीफ स्वास्थ्य कारणों के चलते पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं. अदालत ने उन्हें कई बार पेश होने को कहा, लेकिन उन्होंने हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर पाकिस्तान आने से इनकार कर दिया. 70 वर्षीय शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने लाहौर की अदालत को सूचित किया था कि वह देश वापस नहीं लौट सकते, क्योंकि डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उन्हें कहीं जाने से मना किया है.

सर्जरी का दिया था हवाला
शरीफ को पिछले साल नवंबर में जमानत दी गई थी जब उनके चिकित्सक ने दावा किया था कि पूर्व  प्रधानमंत्री जटिल मल्टीवेसल कोरोनरी आर्टरी की बीमारी से पीड़ित और उनकी तुरंत सर्जरी करनी होगी. शरीफ तो किसी तरह पाकिस्तान से निकल गए, लेकिन उनके परिवार के प्रमुख सदस्य इमरान खान सरकार के निशाने पर आ गए हैं.

कसता शिकंजा
नवाज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरयम नवाज (Pakistan Muslim League-Nawaz Vice President Maryam Nawaz) और पति मुहम्मद सफदर के खिलाफ पिछले हफ्ते आतंकवाद के आरोपों के तहत केस दर्ज किये गया था. मरयम, सफदर और उनके कार्यकर्ताओं पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर कथित हमले और उपद्रव का आरोप है. सफदर को नवाज शरीफ के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में एक साल की जेल भी हुई थी. इसी तरह, शरीफ के भाई शहबाज पर भी भ्रष्टाचार के दो मामले दर्ज हैं. इनमें से एक में शहबाज शरीफ के बेटे हमजा का भी नाम शामिल है.

बदले की राजनीति
प्रधानमंत्री इमरान खान नवाज शरीफ के खिलाफ आये फैसले को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार भ्रष्ट नेताओं पर नकेल कस रही है. हालांकि, विपक्ष इसे बदले की राजनीति करार दे रहा है. विपक्ष का आरोप है कि इमरान खान के इशारे पर उसके नेताओं के खिलाफ झूठे मामलों में कार्रवाई की जा रही है. इस साल जून में इमरान को एक मानहानि मामले में अदालत का नोटिस मिला था, जो तीन साल पहले शहबाज शरीफ द्वारा दायर किया गया था.


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