मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) सुसाइड केस में सीबीआई (CBI) ने बहुत ही प्रोफेश्नल तरीके से काम करना शुरू कर दिया है. एक-एक गवाह, एक-एक सबूत को सीबीआई बहुत बारीकी से देख रही है. सीबीआई के सबसे बेहतरीन इनवेस्टिगेटिव ऑफिसर्स इस मामले की जांच कर रहे हैं. इस केस में सीबीआई का शिकंजा कसने लगा है. जिस तरीके से सीबीआई काम कर रही है उससे ऐसा लग रहा है कि बहुत जल्द सुशांत सिंह की मौत का राज बेनकाब हो जाएगा. पुलिस गवाहों से लगातार पूछताछ कर रही है. सुशांत के कुक से कल लंबी पूछताछ हुई.
अगले 10 दिन सुशांत केस के लिए बहुत अहम हैं. पूछताछ का दौर लगातार चलेगा. इसमें सबसे जरूरी है बांद्रा में सुशांत सिंह के उस फ्लैट की तहकीकात करना जहां सुशांत सिंह का शव मिला था. CBI की टीम सुशांत के फ्लैट पर जाकर पूरे क्राइम सीन का रिक्रिएशन कर सकती है. इसके लिए सीबीआई ने स्पेशल 6 की टीम बनाई है.
ये 6 लोग सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) के वैज्ञानिक हैं. ये उन सबूतों को जुटाएंगे जिन्हें मुंबई पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया था. इनमें फिजिक्स के 3 वैज्ञानिक क्राइम सीन का रिक्रिएशन करेंगे. केमेस्ट्री के 3 वैज्ञानिक उन अदृश्य सबूतों की तलाश करेंगे जिन्हें आमतौर पर FSL की टीम नजरअंदाज कर देती है. वैज्ञानिक सुशांत के खाने के बारे में जानकारी जुटाएंगे. CFSL की बनाई रिपोर्ट की जांच दिल्ली के एम्स की टीम करेगी.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत 14 जून को हुई. सुशांत के कमरे के बंद दरवाजे को खोलने के लिए जिस चाबी वाले को बुलाया गया था, उससे ZEE NEWS ने बातचीत की और ये जानने की कोशिश की उस दिन हुआ क्या हुआ था.
चाभी वाले ने दिया बयान
सुशांत का कमरा अंदर से लॉक था, उसे खुलवाने के लिए एक चाभी वाले को बुलाया गया था. उस चाभी वाले का कहना है कि जब कमरा खोला गया तो उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई.
रफीक चाभीवाला, Zee News को दिए बयान में कहते हैं कि मुझे सिद्धार्थ पिठानी के पास से 14 जून को दोपहर करीब 1:05 बजे फोन आया. उन्होंने बांद्रा में एक कमरे का ताला खोलने के लिए कहा. मैंने उनसे दरवाजे के लॉक की फोटो व्हॉट्सऐप पर शेयर करने के लिए कहा. तब तक मुझे नहीं पता था कि वह बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का घर है. मैं सिद्धार्थ पिठानी को भी नहीं जानता था. बाद में जब मीडिया रिपोर्ट्स में उनको देखा तो मैं पहचान पाया.
रफीक आगे कहते हैं कि मुझे लोकेशन के बारे में बताया गया. मैं अपने साथी के साथ वहां पहुंचा तो मुझे छठे माले पर लेकर गए. वहां मुझे ताला खोलने के लिए कहा. मैंने कुछ मिनट तक कोशिश की उसे खोलने की लेकिन बाद में मैंने कहा इसे तोड़ना पड़ेगा. मुझे बोला गया कि कमरे के अंदर से अगर कोई आवाज आती है तो तुम काम रोक देना. वह एक कंप्यूटराइज लॉक था. मुझे उसे हठौड़ी से तोड़ना पड़ा. जैसे ही मैंने ताला तोड़ा मुझे दो हजार रुपये देकर भेज दिया. मुझे अंदर का कुछ नहीं देखने दिया और न ही जाने दिया.
सबूत, जो सीबीआई ने मुंबई पुलिस से लिए
सीबीआई ने सुशांत केस से मुंबई पुलिस द्वारा जुटाए गए सभी सबूत ले लिए हैं. इनमें केस डायरी, पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट, फॉरेंसिक रिपोर्ट, सुशांत की डायरी, लैपटॉप, मोबाइल फोन, मौत के समय पहने कपड़े, फांसी में इस्तेमाल हरे रंग का कपड़ा, बेडशीट, जूस का मग, खाने की प्लेट, बिल्डिंग का सीसीटीवी, सभी गवाहों के बयान
शामिल हैं.
आगे क्या करेगी सीबीआई
सीबीआई मुंबई पुलिस के सबूतों और बयानों को अपने जुटाए सबूतों और बयानों से तुलना करेगी और इसी से सीबीआई सुशांत सिंह की मौत में टूटी कड़ियों को जोड़ने में मदद मिलेगी.
सीबीआई की टीम सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियन के केस की भी जांच करेगी. सीबीआई ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि सुशांत की मौत का दिशा की मौत से कोई कनेक्शन तो नहीं है.
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