भोपाल: भोपाल नगर निगम में आर्किटेक्ट्स और सिविल इंजीनियर्स को चार साल पहले दिए गए बिल्डिंग परमिशन जारी करने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने दस आर्किटेक्ट्स और इंजीनियर्स को नोटिस जारी कर बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को परमिशन देने के अधिकार को खत्म कर दिया है, जिसको लेकर आर्किटेक्टस और इंजीनियर्स ने आपत्ति जताई है.
क्या है विवाद की वजह
इंजीनियर और आर्किटेक्ट्स का कहना है कि 2012 में जारी राजपत्र में निगम इंजीनियरों को परमिशन जारी करने के सभी अधिकार दिए गए हैं. हालांकि राजपत्र में इंजीनियर और आर्किटेक्ट को 3200 वर्ग फीट तक के प्लॉट पर ही परमिशन देने का अधिकार दिया गया है. इन नियमों में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट की परमिशन केवल नगर निगम ही देगा.
वहीं, निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने कहा कि एक ही ले आउट की कई बार में बिल्डिंग परमिशन टीएंडसीपी के नियम का उल्लंघन है. क्योंकि बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को अलग-अलग परमिशन देने से अवैध निर्माण की आशंका बनी रहती है. साथ ही प्रोजेक्ट के फीस में अंतर भी आता है, जिसकी वजह से शासन को राजस्व को नुकसान भी होता है.
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