नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस का संकट खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ सचिन पायलट (Sachin Pilot) काम करने को राजी हो गए हैं. मामला सुलझने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी के हित में मुद्दों को उठाना जरूरी था, पद की लालसा नहीं, सम्मान की लड़ाई थी. 32 दिनों तक गहलोत से अदावत के बाद आखिरकार राजस्थान में पायलट की पलटन की घर वापसी हो गई. अब जयपुर में पायलट का इंतजार हो रहा है और राजस्थान कांग्रेस कह रही है कि जल्द सचिन अपने घर वापस आ जाएंगे.
सचिन पायलट और गहलोत के बीच तकरार को सुलझाने के लिए कांग्रेस नेताओं की बैठकों और बातचीत का दौर सोमवार देर रात तक जारी रहा. जिसके बाद सचिन पायलट ने आधी रात में ट्वीट करके कहा कि मैं सोनिया जी, राहुल जी, प्रियंका गांधी जी और कांग्रेस नेताओं को हमारी शिकायतों पर ध्यान देने और उन्हें संबोधित करने के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं अपने विश्वास पर कायम हूं और राजस्थान के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए एक बेहतर भारत के लिए काम करना जारी रखूंगा.
पहले पायलट ने राहुल गांधी ने मुलाकात की. सचिन की प्रियंका गांधी से भी चर्चा हुई. सोनिया गांधी ने गहलोत से बातचीत की. पायलट, राहुल और प्रियंका सोनिया से मिले. इन बातों और मुलाकातों ने राजस्थान में छाए संकट के बादल को हटा दिए और पार्टी में सुलह का रास्ता निकाल लिया. सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस पार्टी और सरकार के हित में काम करने के लिए तैयार हैं. सचिन पायलट और कुछ विधायकों ने जो मुद्दे उठाए हैं उन पर ध्यान देने के लिये अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का फैसला किया है.
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