Box Office के खुलने का कर रहे हैं इंतजार, हो जाओ तैयार

नई दिल्लीः कोरोना वायरस की वजह से मार्च से पूरे देश में बंद पड़े सिनेमाहॉल खोलने के सरकार ने संकेत दिए  है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की है कि अगस्त से सिनेमाघरों को फिर से खोलने की अनुमति दी जाए. सूचना और प्रसारण मंत्रालय सचिव अमित खरे ने सीआईआई मीडिया कमेटी से बातचीत में कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि अगस्त की शुरुआत या आखिरी हफ्ते तक सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दी जाए. इस मामले में अंतिम फैसला गृह मंत्रालय की ओर से लिया जाना है. मंत्रालय ने जो प्रस्ताव भेजा है, उसके अनुसार एक सीट छोड़कर बैठना और अगली पंक्ति को खाली रखने का विकल्प शामिल है.

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हो रही हैं फिल्में
चार माह से बंदी के चलते एक भी फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो रही है. कई बड़े बैनर अपनी फिल्मों को ओटीटी बैनर पर रिलीज कर रहे हैं. इससे सिनेमाघर मालिकों को काफी नुकसान हो रहा है. पहले तो सिनेमाघर मालिकों ने फिल्मों के ओटीटी पर रिलीज होने का विरोध भी किया. कोरोना की वजह से किसी के पास कोई हल नहीं है.

सरकार ने अनलॉक-1 में कही थी ये बात
पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी ने कहा, “आप सरकार द्वारा जारी अनलॉक-एक की अधिसूचना को देखेंगे तो उसमें लिखा है कि अनलॉक-तीन में सिनेमाघर खुल जाएंगे जिसके अगस्त में होने की संभावना है. इसलिए हम बहुत आशावान हैं और उम्मीद लगाकर बैठे हैं.”

आइनॉक्स के सीईओ आलोक टंडन ने कहा, “हमने विभिन्न मंत्रालयों और अधिकारियों को पहले ही एसओपी दे दिया है. हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं. हमारी बनाई एसओपी वैश्विक मानकों के अनुरूप है. यह एसओपी लागू करते समय हम सभी उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. हमने उनका विश्वास जीतने के लिए साफ सुथरा वातावरण बनाने के वास्ते काम किया है.”

टंडन ने कहा कि थियेटर श्रृंखला ने एसएमएस व्यवस्था बनाई है जिससे उपभोक्ता प्रवेश पर क्यूआर कोड स्कैन कर सकेंगे, अपनी सीट देख सकेंगे और मेनू देखकर भोजन मंगा सकेंगे. उन्होंने कहा, “हमने ऐसा अल्गोरिदम बनाया है जो जिसमें दो अलग बुकिंग होने पर स्वतः सीटों के बीच दूरी होगी. हमने छूने से काम करने वाली सैनिटाइजर मशीनें लगाई हैं और दिन में कई बार सेनिटाइज करने की व्यवस्था की है. ”

सिनेपोलिस के सीईओ देवांग संपत ने कहा कर्मचारियों पर निर्भरता सीमित होगी ताकि अनावश्यक छूने से बचा जा सके. उन्होंने कहा, “विश्वभर में कागज रहित टिकट दिए जा रहे हैं और मानवों की बजाय तकनीक और सॉफ्टवेयर से काम लिया जा रहा है.”


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