वॉशिंगटन: (आईएमएफ) ने बेरोजगारी को भारत के लिए प्रमुख चुनौती करार देते हुए गुरुवार (29 मार्च) को विश्वास जताया कि देश में बीते कुछ वर्षों में किए जा रहे सुधारों का परिणाम नए रोजगारों के रूप में मिलेगा. मुद्राकोष के प्रवक्ता गेरी राइस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ स्पष्ट रूप से भारत के लिए रोजगार चाहने वालों विशेषकर युवाओं को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध करवाना चुनौती है. लेकिन भारत ने जो कदम उठाए हैं व जो सुधार किए हैं उनसे रोजगार सृजित होंगे.’ उन्होंने कहा कि हाल ही के समय में भारत तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है. राइस ने कहा कि इससे गरीबी घटी है और जीवन स्तर में सुधार हुआ है.
भारत को किए गए सुधारों का अगले एक-दो साल में लाभ मिलेगा: अमिताभ कांत
वहीं दूसरी ओर नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने 29 मार्च को कहा कि संरचनात्मक और संस्थागत सुधारों का भारत अगले दो साल में लाभ उठाएगा और नये चिकित्सा परिषद विधेयक के पारित होने से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे. टाइम्स नेटवर्क द्वारा नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉनक्लेव’ में कांत ने कहा कि सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को क्रियान्वित करने जैसे कई संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया है.
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