रखरखाव ॥ पुराने उत्कृष्ट कर्मचारियों के कार्यों की होगी वीडियो रिकार्डिंग
सच प्रतिनिधि ॥ भोपाल
रेल हादसों को रोकने के लिए भोपाल मंडल अब रेल ट्रैक की वीडियो रिकार्डिंग करवाने जा रहा है। रिटायर हो रहे अनुभवी कर्मचारियों की कमी के चलते रेल सुरक्षा पर पड़ रहे प्रभावों के चलते यह फैसला लिया गया है। यह काम जल्द शुरू किया जाएगा।
भोपाल रेल मंडल सहित पश्चिम मध्य रेलवे जोन में कर्मचारियों की कमी है। इस परेशानी से मंडल ने ठेकाकर्मियों को रखा है। इसके बाद भी कर्मचारियों को गेटमैन और ट्रेकमैन के काम का अनुभव नहीं है। इस लिए उन्हें प्रशिक्षत करने का काम किया जा रहा है। उन्हें फीड में काम करवाना के साथ , एक्सट्रा लर्निंग क्लास में ट्रेक मेंटेनेंस के बारे में कर्मचारियों को बताया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें अनुभवी गेटमैन और ट्रेकमैन के कार्यों की बारीकी से पता चल सके , इसके लिए भोपाल मंडल अनुभवी कर्मचारियों की वीडियों रिकार्डिंग करेगा। जिससे नई भर्ती के कर्मचारियों को मेंटेनेंस वर्क को समझाया जा सके। इसके साथ ही मंडल नए कर्मचारियों को गेटमैन और ट्रेकमैन के साथ फीड वर्क में काम करवाने के साथ उनके दिशा-निर्देश में काम करवाएगा। हर साल रेल हादसे के बाद ट्रेनों की निगरानी करने वाले स्टाफ पर सवाल खड़े होते रहे हैं। अनुभवी स्टाफ के रिटायर होने से रोलिंग का काम प्रभावित हो रहा है। भोपाल मंडल के अधिकारियों ने तय किया है कि नए कर्मचारियों को अनुभवी कर्मचारियों के साथ काम करवाने के अलावा उनके अनुभव को भी संरक्षित कर नए कर्मचारियों को सीखा सके । अधिकारियों ने बताया कि रोलिंग एक्जामिनेशन प्वाइंट (रोलिंग हट) से रोलिंग स्टाक (कोच, वैगन और इंजन) के अंडर गियरों (रोलिंग स्टाक के नीचे का हिस्सा, जैसे स्प्रिंग, पहिया, ब्रेक व अन्य) की निगरानी वीडियो रिकार्डिंग करके की जाएगी।
ट्रेक की निगरानी
भी हाईटेक
इस प्रणाली में प्लेटफार्मों की लाइनों को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया जाना शुरू हो गया है। जिससे वहां से गुजरने वाले रोलिंग स्टाकों के अंडर गियरों की रिकार्डिंग एवं परीक्षण कर किसी गड़बड़ी का पता लग सके। भोपाल स्टेशन से हबीबगंज स्टेशन के रूट में ऐसे स्थान पर तीन कैमरे लगाए गए है। निगरानी कैमरे 60 फ्रेम प्रति सेकंड की रफ्तार से फोटो खींचने के साथ इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी), 12 एक्स जूम, फोकल और नाइट विजन जैसी विभिन्न उन्नत सुविधाओं से लैस हैं। इन कैमरों से मिलने वाले आंकड़ों को एक महीने तक सुरक्षित रखा जाएगा। इसके साथ ही फोटो को मंडल के सर्वर डेटा में सेव किया जाएगा। जिससे सुरक्षा के चूक होने पर कर्मचारी की गलती पकड़ी जा सके ।
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